साजिश? हां, यह साजिश ही तो है
अर्थव्यवस्था के विकास का अर्थशास्त्र बताता है कि इसका फल वर्गों में मिलता है। मसलन विकास का 80 फ़ीसदी धन देश के एक फ़ीसदी लोगों के पास संग्रहित हो जाता है। परिणामस्वरूप हर महीने 30-40 अरबपति उत्पन्न हो जाते हैं। साथ ही जो पहले से अमीर हैं वे और अमीर हो जाते हैं। दूसरी ओर विकास का 20 फीसदी धन देश के 80 फीसदी में बंटता है। इनमें भी किसी को मिलता है किसी को नहीं मिलता है। इससे जो गरीब हैं वह और गरीब हो जाते हैं।
शाह का दावा; नोटबंदी के बाद PM मोदी के साथ खड़ा है गरीब
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नोटबंदी को व्यापक तौर पर पेश करते हुए इस बात का जोरदार तरीके से दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस और अन्य दलों का ‘गरीबी’ का मुद्दा छीन लिया है। गरीब अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे हैं।