J&K का राज्य का दर्जा खत्म, केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का अवतार
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बुधवार मध्यरात्रि दम तोड़ गया और इसके साथ ही दो नए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख अस्तित्व में आ गए हैं। अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा समाप्त किए जाने के 86 दिन बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने की संवैधानिक वैधता की अक्टूबर में समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 को समाप्त किया जाना संवैधानिक है या नहीं इस मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर के पहले सप्ताह में करेगा। इस मामले की सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ करेगी।
भारत-पाक तनाव कम करने को दोहरी रणनीति पर काम कर रहा अमेरिका
मोदी सरकार द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए अमेरिका दोहरी रणनीति पर काम रहा है। पहली रणनीति सीमा पार घुसपैठ रोकने और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता नहीं देने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना है। दूसरी रणनीति जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
जम्मू एंड कश्मीर हिन्दू बहुल राज्य होता तो इसका स्पेशल स्टेटस नहीं छीनती भगवा पार्टी : चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भगवा पार्टी की सरकार इस राज्य का स्पेशल स्टेटस नहीं छीनती।
PM मोदी ने देशवासियों का किया आह्वान; आइए, हम सब मिलकर नए जम्मू कश्मीर और नए लद्दाख का निर्माण करें
धारा-370 हटाए जाने के बाद देश की उम्मीदों और फैली भ्रांतियां के बीच गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि इस धारा के समाप्त किए जाने से आपके जीवन में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आपके जीवन में अब तक जो चीजें नहीं थी वो भी अब आपको मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर से लद्दाख अलग, अब कैसा होगा राज्य का स्वरूप?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को पूर्ण रूप से खत्म कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अधिसूचना पर दस्तखत कर दिया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया है। राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचना पर दस्तखत करने के साथ ही अब जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के सारे कानून लागू हो गए हैं।
मोदी सरकार का एक और दुस्साहस
मोदी सरकार का भारतीय संविधान में जम्मू कश्मीर से संबंधित धारा 370 को खत्म करने का ऐलान मोदी सरकार का एक और दुस्साहस भरा फैसला है। इससे पहले 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लिया था। जिस तरह से नोटबंदी के दर्द से आज भी देश कराह रहा है, आने वाले वक्त में धारा 370 के दर्द का अहसास भी देशवासियों को होगा। धारा 370 को हटाने के साथ ही जम्मू कश्मीर का विभाजन कर जिस तरह से उसका पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया है यह पूरी की पूरी सियासत है और इससे आरएसएस, भाजपा, मोदी और शाह की नीति और नीयत पर सवाल खड़े होते हैं।
क्या था जम्मू कश्मीर से संबंधित भारतीय संविधान की धारा 370 और 35ए? जो अब खत्म हो गया है
भारतीय संविधान की धारा 370 क्या है और इसे संविधान से हटाने के क्या मायने हैं? धारा 370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है लेकिन किसी अन्य विषय से सम्बन्धित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार का अनुमोदन चाहिए।
केंद्रशासित प्रदेश बनेगा जम्मू कश्मीर और लद्दाख, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद छिन जाएगा विशेष राज्य का दर्जा
जम्मू-कश्मीर राज्य में इमरजेंसी जैसी हालात के बीच सोमवार सुबह 11.00 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, भारी गहमागहमी और हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान कर दिया।
लोकसभा चुनाव 2019 : तीसरे फेज में भी पश्चिम बंगाल में बंपर वोटिंग, बिहार, यूपी और जेएंडके फिर पिछड़ा
लोकसभा चुनाव-2019 के तीसरे एवं सबसे बड़े चरण के लिए गुजरात और केरल समेत 13 राज्यों व 2 केंद्रशासित प्रदेशों की 116 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। सभी सीटों को मिलाकर कुल 63.24 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पश्चिम बंगाल और असम में एक बार फिर बंपर वोटिंग हुई।