देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान पर खड़ा होना जरूरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के समय खड़ा होना जरूरी नहीं हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को नियंत्रित करने के लिए नियमों में संशोधन पर विचार किया जाए। यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के लिए खड़ा नहीं होता है तो ऐसा नहीं कह सकते कि वह कम देशभक्त है।
कौन बदले? जेएनयू या सरकार
एक आम नजरिए से देखा जाए तो जेएनयू या किसी भी संस्था में देश विरोधी और सजा पाए आतंकी के समर्थन में नारे लगाना गलत हो सकता है। पर जब हम इसे एक प्रबुद्ध नागरिक और नजरिए का विस्तार करके देखने की कोशिश करते हैं तो यह गलत और अटपटा तो लग सकता है पर देशद्रोह तो कतई नहीं हो सकता।