नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक में 1955 के कानून को संशोधित किया गया है। इससे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर मुस्लिम (हिंदु, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी व इसाई) समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का रास्ता तैयार होगा।