राहुल ने PM पर कसा तंज; रामलीला के राम भी पहनेंगे मोदी का मास्क
उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी जी की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। ब्रांड मोदी की बात करते हुए राहुल ने कहा, 'आज सब कुछ नरेंद्र मोदी जी करते हैं। आने वाले समय में रामलीला होगी, वहां आपको राम नहीं दिखाई देंगे, आपको वहां मोदी दिखाई देंगे। एक आदेश जारी होगा कि रामलीला में जब राम आएं तो मोदी का मास्क पहन कर आएं।'
अध्यक्ष केवी थॉमस के बयान से PAC ने झाड़ा पल्ला, नहीं करेगी PM से जवाब-तलब
लोक लेखा समिति के कांग्रेसी अध्यक्ष केवी थॉमस ने हाल ही में कहा था कि नोटबंदी मामले में वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी जवाब-तलब कर सकती है। लेकिन अपने अध्यक्ष के इस बयान को ही पीएसी ने ठेंगा दिखा दिया है। समिति का कहना है कि उसके पास पीएम को बुलाने का अधिकार नहीं है। जिसके बाद अब स्पष्ट है कि पीएसी प्रधानमंत्री से कोई सवाल नहीं करेगी। समिति के भाजपाई सदस्यों ने थॉमस के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
सरकार की नजर अब आपकी कैश निकासी पर, आ सकता है बड़ी लेन-देन पर टैक्स का फरमान
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने का मोदी सरकार ने एक और नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। सरकार की नजर अब बड़े कैश के लेन-देन पर है। सूत्रों की माने तो सरकार बड़ी रकम की निकासी पर टैक्स लगा सकती है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इसे ‘कैश टैक्स’ का नाम दिया गया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो इसे 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में जगह मिल सकती है। बैंक खातों से एक तय सीमा से अधिक कैश निकालने पर यह टैक्स लग सकता है।
उर्जित पटेल तो भागते भी अच्छा हैं!
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल जितनी खूबी से नोटबंदी से जुड़े फैसलों पर राय नहीं जाहिर कर पाते उसके उलट मौका मिलने पर मुस्तैदी से भागते बढ़िया हैं। पटेल के इस नए रूप के दर्शन वाइब्रेंट गुजरात समिट के दौरान हुए। यहां नोटबंदी के मुद्दे पर सवाल करने के इंतजार में पत्रकार बैठे रहे और पटेल पिछले दरवाजे से भाग खड़े हुए। उर्जित पटेल महात्मा मंदिर पहुंचे थे। यहीं आठवां वाइब्रेंट गुजरात समिट चल रहा है। इसका मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था।
'जो काम हमने सत्तर सालों में नहीं किया मोदी सरकार ने वो ढाई साल में कर डाला'
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जनवेदना रैली में प्रधानमंत्री की कार्यशैली, उनकी कथनी और नीतियों पर कई सवाल उठाये। राहुल ने मंच से डरो मत का नारा भी लगाया। अवकाश से लौटे राहुल पूरी रौ में दिखे और मोदी की तरह ही व्यंग्य बाण विपक्ष पर चलाये। उन्होंने कांग्रेस के हाथ को हर धर्म के साथ जोड़ने की एक कोशिश भी की।
संसद में गतिरोध से अधिक नहीं सोचते हैं राहुल : अरुण जेटली
नोटबंदी का विरोध करने पर कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि राहुल गांधी बस संसद को बाधित करने के रास्ते ढूंढ रहे हैं और उनकी पार्टी कालेधन के साथ दोस्ताना संबंध बनाये रखना चाह रही है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रौद्योगिकी आधारित स्वच्छ अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रयासरत भविष्य दृष्टा हैं।
इंदिरा गांधी की तरह PM मोदी ने भी 'गरीबी' को बनाया हथियार
भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन भाषण में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने यह भी कहा कि गरीब हमारे लिए चुनाव जीतने का जरिया नहीं हैं। यह हमारे लिए कोई वोट बैंक नहीं है। गरीब तो हमारे लिए सेवा का अवसर हैं। उन्होंने कहा कि देश के गरीबों ने नोटबंदी के अहम फैसले को स्वीकार किया है।
शाह का दावा; नोटबंदी के बाद PM मोदी के साथ खड़ा है गरीब
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नोटबंदी को व्यापक तौर पर पेश करते हुए इस बात का जोरदार तरीके से दावा किया कि भाजपा ने कांग्रेस और अन्य दलों का ‘गरीबी’ का मुद्दा छीन लिया है। गरीब अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे हैं।
नोटबंदी पर राष्ट्रपति ने सरकार को किया आगाह; लंबे वक्त तक इंतजार नहीं कर सकते गरीब
राज्यों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को अपने नववर्ष के वीडियो संदेश में राष्ट्रपति मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी से निश्चित ही गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं। गरीब लंबे वक्त तक इंतजार नहीं कर सकते और उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है। संभव है नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे अस्थायी आर्थिक मंदी की आशंका भी है।
सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा, सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर बंटेंगे टिकट
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले को आजमाते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी 403 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस मौके पर मायावती ने कहा, 'हम जातिवाद की राजनीति नहीं करते हैं। इसका ताजा सबूत है कि हमने अगले चुनाव के लिए समाज के सभी वर्गों को टिकट देने का फैसला किया है।