चीन को पछाड़ 8.2 फीसदी पर पहुंची भारत की वृद्धि दर 15 तिमाहियों में सर्वाधिक ऊंचाई पर
विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के दम पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी जो पिछली 15 तिमाहियों की सर्वाधिक ऊंचाई पर है। इस वृद्धि दर से सबसे तेज वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश की दावेदारी और मजबूत हो गई।
अर्थ की व्यवस्था : धोखा या नियति?
अघोषित संपत्ति या दूसरे शब्दों में कहें तो बेनामी धन-दौलत को सिस्टम से बाहर करने की कोशिश में भारत पूरी तरह से नाकामी हाथ लगी है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि नोटबंदी कामयाब रही या नाकाम? आरबीआई के आंकड़ों की मानें तो नोटबंदी बड़े पैमाने पर नाकाम हुई है। और इसी वजह से मोदीनॉमिक्स की लाख कोशिशों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। कड़वी दवा से लेकर बिजनेस डिप्लोमेसी तक, सभी तरह के नुस्खे आजमाने के बावजूद भारत की मुद्रा अमेरिकी डॉलर के समक्ष घुटने टेकी हुई है।
चिदंबरम ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर कसे तंज, कहा- चार टायरों में से तीन तो पंक्चर हो चुके
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की खराब हालत पर तंज कसते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के चार टायरों में से तीन टायर- निर्यात, निजी निवेश और निजी उपभोग- पंक्चर हो चुके हैं।
अच्छे दिन को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वे आंकड़ों ने खोली मोदी सरकार के ढोल की पोल
मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान न तो लोगों की आमदनी बढ़ी, न ही रोजगार के मौके मिले। और तो और आखिरी साल में भी हालात में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। यह खुलासा किसी खबरिया चैनल ने नहीं, बल्कि RBI ने अपने सर्वे में किया गया है।
मूडीज ने बिगाड़ा भारत का मूड, GDP अनुमान घटाकर किया 7.3 फीसदी
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान को घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। पहले एजेंसी ने 7.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था। एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और मुश्किल वित्तीय हालात रफ्तार को धीमा करेंगी।
मोदी सरकार के 4 साल : उम्मीदों से छल
नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरे हो चुके हैं। वर्ष 2014 में जब इस सरकार ने सत्ता संभाली थी तब जनता की उम्मीदें सातवें आसमान पर थीं। 30 साल बाद केंद्र में किसी पार्टी को अकेले बहुमत जो हासिल हुआ था। जाहिर सी बात है इस मजबूत सरकार से कुछ बड़े बदलावों की उम्मीदें जनता ने संजोई थी और खुद मोदी व उनके सहयोगियों ने इसका वादा भी किया था। लेकिन आज क्या हुआ चार साल के बाद? मोदी सरकार ने उम्मीदों से सिर्फ छल ही तो किया है। अमीर और अमीर हो गया। गरीब और गरीब। देश की 125 करोड़ जनता को यह जानना जरूरी है कि बीते चार सालों में देश को खर्चीली रैलियों, गढ़े हुए भाषणों, रेडियो पर मन की बातों और जुमलों के अलावा हासिल क्या हुआ है?
किसानों की आय दोगुनी करने का पीएम मोदी का बयान सिर्फ 'जुमला' है : डॉ. मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसानों की आय दोगुनी करने का खोखला वादा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रविवार को हमला किया और उनके इस वादे को जुमला करार दिया। मनमोहन ने आरोप लगाया कि मौजूदा भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि मोदी जी ने चुनाव प्रचार में बहुत बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन पूरे नहीं किए।
नई उद्योग नीति में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र पर जोर
सरकार ने नई उद्योग नीति जारी करने से पहले विनिर्माण और सेवा क्षेत्र नीति में बदलाव करने शुरू कर दिये है। नयी उद्योग नीति भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। नीति में ऐसे उद्योग क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया गया है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में स्लो-डाउन को लेकर राहुल गांधी ने मोदी-जेटली की जोड़ी पर कसा तंज
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अनुमानित दर 6.5 प्रतिशत रखने के सरकार के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की विभाजनकारी राजनीति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न मापदंडों में तेजी से गिरावट आई है।
जीएसटी पर जल्दबाजी को लेकर मनमोहन ने मोदी सरकार को फिर घेरा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने से अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है। पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उन्हें फिलहाल अर्थव्यवस्था इस स्थिति से बाहर आते दिखाई नहीं दे रही है।