चुनौतियों के भंवर में भारतीय अर्थव्यवस्था
कृष्ण किशोर पांडेय
जेटली बोले; नोटबंदी एक ऐतिहासिक क्षण पर इससे भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म नहीं होगा
8 नवंबर की तैयारी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से हो रही है। कांग्रेस के दावे को भारतीय जनता पार्टी अपने तरीके से खारिज कर रही है। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का महत्वपूर्ण क्षण बताया। साथ ही ये भी माना कि नोटबंदी हर समस्या का एकमात्र समाधान नहीं है।
अपनों से घिरी मोदीनॉमिक्स
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार एक बार फिर चरमराती भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि देश की आर्थिक सेहत ठीक नहीं हैं। भाजपा और आरएसएस के अंदर से ही कई आवाजें उठी हैं जिसमें यशवंत सिन्हा, सुब्रमण्यम स्वामी, एस. गुरुमूर्ति, मोहन भागवत आदि शामिल हैं।
जेटली ने अमेरिका में गिनाईं भारतीय अर्थव्यवस्था की तीन चुनौतियां
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा एवं वित्तीय समिति (आईएमएफसी) में नीतिगत चुनौतियों पर बात की। वित्त मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार, जेटली ने कहा कि रोजगार सृजन, वैश्विक निवेश में सुस्ती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक स्थितियों को सामान्य करने के कदम के उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर संभावित प्रभाव तीन प्रमुख नीतिगत चुनौतियां हैं।
प्रधानमंत्री जी! हिम्मत नहीं, विमर्श अहम है
सुब्रमण्यम स्वामी, मोहन भागवत, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी ये सब कुछ ऐसे नामी गिरामी शख्सियतें हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री को अर्थव्यवस्था की बिगड़ी डगर के बारे में आगाह करने का जोखिम उठाया, लेकिन पीएम ने पलट कर इन्हें नसीहत दे डाली और ऐसे लोगों को निराशावादी करार दे दिया। हिम्मत सिर्फ हमने दिखाई कह कर चुप कराने का जिगर दिखा डाला। लेकिन क्या ऐसा कह मोदी गांधारी बनने की कोशिश नहीं कर रहे?
देश में निराशा फैलाने वाले लोगों पर PM का बड़ा हमला, बोले- देशहित साध रहे या किसी और का हित
भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी करने वाले लोगों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को तरक्की नहीं दिखती। ऐसे लोग 'शल्य प्रवृत्ति' से पीड़ित हैं जो केवल निगेटिव खबरें फैलाकर देश में निराशा का माहौल पैदा कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए एक क्वार्टर की ग्रोथ कम होना, लगता है सबसे बड़ा हथियार मिल गया है। ऐसे लोग देशहित साध रहे हैं या किसी और का हित ये पता नहीं चल पा रहा है।
RSS ने सरकार को किया आगाह; जमीनी हकीकत को नजरअंदाज कर न बनायी जाए आर्थिक नीतियां
संघ मुख्यालय में विजयादशमी के मौके पर आयोजित वार्षिक उत्सव समारोह के संबोधित करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने सरकार के नीति निर्धारकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह अर्थशास्त्र की पुरानी परिपाटियों को पीछे छोडक़र व्यावहारिक सोच अपनाएं और जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियां तय करें।
जेटली के वार पर यशवंत सिन्हा का पटलवार, बोले- नौकरी मांगने जाता तो वो वहां नहीं होते
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने देश की खस्ता आर्थिक हालात पर लेख लिखकर मोदी सरकार में भूचाल ला दिया है। अरुण जेटली ने यशवंत सिन्हा पर पलटवार किया। नाम लिए बगैर जेटली ने कहा कि वह 80 की उम्र में नौकरी ढूंढ रहे हैं। इसके बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर मैं नौकरी मांगता तो वो आज वित्त मंत्री नहीं होते।
राहुल और चिदंबरम का मोदी सरकार पर हमला, राजनाथ ने किया बचाव
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा इंडियन एक्सप्रेस में 'मुझे अब बोलना चाहिए' शीर्षक से लिखे लेख ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस को बोलने का बड़ा मौका दे दिया है। पहले वरुण ने और अब यशवंत सिन्हा ने लेखों में अपने-अपने विचार व्यक्त कर अपनी ही सत्ताधारी पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस ने PM नरेंद्र मोदी को ठहराया प्रचारशास्त्री, कहा- सरकार अर्थव्यवस्था पर जारी करे श्वेत पत्र
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.7 फीसदी तक गिर जाने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचारशास्त्री करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि अगर पुरानी पद्धति से आंका जाए तो वास्तविक जीडीपी वृद्धि 4.3 से 4.4 फीसदी ही होगी।