यशवंत ने मोदी की तुलना तुगलक से की, कहा- उसने भी की थी नोटबंदी
नोटबंदी के फैसले को लेकर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के तेवर और तल्ख हो गए हैं। वो अपनी पार्टी की सरकार और प्रधानमंत्री को खूब खरी खोटी सुना रहें हैं। इस बार उन्होंने मोदी के फरमान की तुलना मोहम्मद बिन तुगलक से की है।
PM मानें कि नोटबंदी थी एक बड़ी गलती, हमारे लोकतंत्र का ब्लैक डे है 8 नवंबर : मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था का एक काला अध्याय बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा है कि उन्हें मान लेना चाहिए कि नोटबंदी एक भारी गलती थी। सोमवार को दिल्ली में केन्द्र पर बरसने के बाद अहमदाबाद में मनमोहन व्यवसायियों के बीच केन्द्र की नीतियों पर हमला करने से नहीं चूके।
पीएम बोले- केवल विकास का आइडिया ही सब कुछ नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत को विकसित करने के संकल्प के साथ विकास को गति देने के लिए समय सीमा के भीतर काम पूरा करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को विकास का लाभ सही समय पर मिले तभी वो अर्थपूर्ण होगा। साथ ही उन्होंने अपने आलोचकों को ये कहते हुए खामोश कराने की कोशिश की कि केवल विकास को लेकर विचार से ही काम नहीं चलेगा बल्कि इस दिशा में कुछ करना भी होगा।
यशवंत के बाद स्वदेशी जागरण मंच ने भी केन्द्र की नीतियों को लेकर उठाये गंभीर सवाल
पूर्व केन्द्र मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के बाद स्वदेशी जागरण मंच ने भी केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी कुमार ने कहा कि मौजूदा आर्थिक नीतियों में कुछ चीजें हैं जिन्हें बदलना जरूरी है। तो वहीं बेटे जयंत ने पिता को काउंटर करता लेख लिख डाला है।
रोहिंग्या पर ओवैसी ने 'मिस्टर मोदी' से पूछे ये सवाल!
AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कई सवाल पूछ डाले। पार्टी के एक जलसे में ओवैसी ने देश के अलग-अलग प्रांतों में रह रहे रिफ्यूजियों की लम्बी फेहरिस्त सुना डाली। उन्होंने भारत में गुजरे सत्तर सालों से रह रहे लाखों रिफ्यूजियों का हवाला देते हुए मिस्टर मोदी से रोहिंग्या को लेकर हो रहे व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
डोकलाम विवाद: भारत ने कहा विवाद खत्म, चीन बोला - गश्त जारी
डोकलाम में गतिरोध खत्म होने को लेकर भारत और चीन के बयान विरोधाभासी हैं। जहां एक तरफ भारत कह रहा है कि दोनों अपने-अपने जवानों को पीछे हटाने पर राजी हो गए हैं। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत पीछे हटा है जबकि उसकी सेना तो गश्त कर ही रही है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के सोमवार को सामने आए बयान से आपसी समझ से सेना हटाने के संकेत मिले।
ट्रिपल तलाक- सवाल पूरे हक का
सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले के राजनीतिक परिणाम चाहें जो भी हों लेकिन आधी मुस्लिम आबादी को पूरा हक दिलाने की पहल के लिए सुप्रीम कोर्ट की पीठ तारीफ की हकदार है जिसने इस मसले को समाज के विकास और उत्थान से जोड़ा। साथ ही साफ किया कि हर मामले की सुनवाई और फैसला कोर्ट में संभव नहीं। ये धार्मिक आस्था का प्रश्न है इसलिए अदालत इस मामले में पूरी तरह हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। राजनीतिज्ञों को मशविरा भी दिया और नसीहत भी कि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर फैसला लें। गेंद उन्हीं के पाले में है।
..तो ये है लोकसभा चुनाव जल्द कराने की वजह !
वर्तमान एनडीए सरकार 2019 में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाली है, लेकिन खबर आम है कि सरकार अगले लोकसभा चुनाव 2018 में ही कराना चाहकती है। वजह कई हैं। एक वजह चार बड़े राज्यों में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव हैं तो चर्चा मोदी लहर को कैश करवाने को लेकर भी है। वैसे देश के संविधान में इस बात की इजाजत है कि चुनाव आयोग अपनी सुविधानुसार चाहे तो चुनाव 'समय पूर्व' करवा सकता है।
परिपक्वता और स्पष्टता की कमी से जूझती संसद
संसद में पिछले एक दशक से बहस का अंदाज देखकर लगता है मानो लोकतंत्र का ये मंदिर sense of maturity और sense of Clarity से दूर होता जा रहा है। पंडित नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, अंबेडकर, अटल जैसे ज्ञानी, परिपक्व और संवेदनशील शख्सियतों की कमी साफ खल रही है। छोटे परदे पर हम वो बहस देखते हैं जिसका ना तो कोई नतीजा होता है और ना देश की किस्मत बदलने का जज्बा दिखता है। दिखता है कि कैसे संसद की कार्यवाही हंगामें की भेंट चढ़ रही है, कैसे एक नेता दूसरे पर तंज कस कर नम्बर बढ़ाने की होड़ में लगा है और कैसे फब्तियों से बढ़ते-बढ़ते नौबत कागज-तख्तियां फेंकने तक बढ़ जाती हैं।
प्रधानमंत्री को विश्वास- 'भारतीय राजनीति को नई बुलंदियों तक पहुंचायेंगे उप-राष्ट्रपति वेंकैया'
देश के तेरहवें उप-राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद वेंकैया नायडू ने राज्यसभा अध्यक्ष का पद्भार ग्रहण किया। उनका स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया कि उनके अनुभव का लाभ संसद को मिलेगा और चूंकि वो जमीनी स्तर से ऊंचे उठे हैं तो इसलिए वो भारतीय राजनीति को नई बुलंदियों तक पहुंचायेंगे।