भारत माता का अजब-गजब इंटरव्यू
स्टेशन पर पहुंचा ही था कि हाथ में कटोरा लिए अपने बच्चों को दुआएं देती भारत माता के दर्शन हो गए। भारत माता को नम्रता पूर्वक नमस्कार कर इंटरव्यू की गुहार लगाई तो वो तुरंत तैयार हो गईं। मैंने पूछा, तुम्हारे दत्तक पुत्र तुम्हारी जय जयकार करते हैं तो आपको कैसा महसूस होता है? तो भारत माता ने कहा- बेटा, पांच साल पहले तो बड़ा अच्छा लगता था लेकिन अब बहुत बुरा लगता है। अब तो ऐसा लगता है जैसे कोई ताना सा मार रहा हो।
पत्रकारों को ये क्या बोल गए नीतीश के मंत्री!
बिहार की वर्तमान सरकार के नए नवेले मंत्री हैं। नाम है विनोद कुमार सिंह। भारतीय जनता पार्टी से हैं। भारत माता को लेकर कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हैं। अपने जज्बातों का ऐसा ही नमूना उन्होंने सार्वजनिक मंच से दिया। निशाने पर पत्रकार बंधु रहे। उन्होंने भाजपा के एक समारोह में ‘भारत माता की जय’ का नारा न लगाने वाले मीडियाकर्मियों को ‘पाकिस्तान का समर्थक’कह डाला।
'भारत माता की जय' से सरकार ने बनाई दूरी
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और योग गुरु रामदेव की भारत माता की जय कहने से इनकार करने वालों पर विवादित टिप्पणियों पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि इन विचारों को सरकार की ओर से किसी आदेश द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है।
'भारत माता की जय' पर बखेड़ा कब तक?
देश की राजनीति भटक सी गई है। कभी आरक्षण का मुद्दा, कभी अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा तो कभी राष्ट्रीय नारा और राष्ट्रगान को लेकर बहसबाजी। ये सभी मुद्दे सत्ता में बने रहने की जद्दोजहद के लिए की जाने वाली राजनीति तो हो सकती है, लेकिन इससे राजनीति के असल मायने 'लोकतंत्र के विकास' की अवधारणा टूटती दिख रही है। देश में बड़ा बखेड़ा खड़ा होता दिख रहा है। जी हां! हम बात करे रहे हैं 'भारत माता की जय' पर चल रहे बखेड़ा की। बड़ा सवाल जिसका जवाब कोई नहीं दे रहा कि 'भारत माता की जय' बोलने या ना बोलने से 125 करोड़ देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में हासिल क्या हो रहा है? क्या इससे गरीबी मिट जाएगी? क्या इससे लातूर जैसे इलाके में पानी का संकट दूर हो जाएगा? क्या इससे स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर पर देश ऊंचाईयों की बुलंदी छू पाएगा? और सबसे बड़ी बात ये कि 'भारत माता की जय' का नारा लगा-लगा कर मोदी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' के लक्ष्य को हासिल कर अच्छे दिन का जो सपना देश दिखाया है, पूरा कर पाएगी?
'भारत माता की जय' कहलवाने पर अड़े फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि मुझे हैरानी होती है कि हम कहां जा रहे हैं? मुझे मेरे देश में ही भारत माता की जय बोलने में शर्म क्यों आनी चाहिए? फडणवीस ने कहा कि क्या किसी में इतनी हिम्मत है कि वह इस देश में भारत माता की जय न बोले? देश में रहना है तो यह तो बोलना ही होगा। देश में 'भारत माता की जय' नारे को लेकर चल रही जबरदस्त राजनीतिक बहस के बीच विवादित बयान देकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नया सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है।
'भारत माता की जय' पर भागवत ने लिया टू-टर्न
'भारत माता की जय' नारे को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि यह नारा किसी पर थोपने की जरूरत नहीं है बल्कि हमें ऐसा भारत बनाना है कि लोग स्वत: 'भारत माता की जय' बोलने लगें। इससे पहले कोलकाता में सरसंघचालक ने 'भारत माता की जय' नारे को पूरी दुनिया में अभिवादन के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत एक ऐसा शब्द है जो देश के सर्वाधिक परंपरागत मूल्यों को दर्शाता है।
'जय हिन्द' से परहेज क्यों?
'जय हिन्द' और 'भारत माता की जय' को मुद्दा बनाया जा रहा है। MIM अध्यक्ष ने भारत माता की जय नहीं बोला तो उन्हें 'देशद्रोही' की संज्ञा दी गई और पार्टी विधायक वारिस पठान को निलंबित कर दिया गया। पठान का तर्क गौर करने लायक है कि आखिर 'जय हिन्द' बोलने का विरोध क्यों? भारत माता की जय करने से किसी को इंकार नहीं होना चाहिए और बतौर इस देश का नागरिक ये उसका अधिकार है। लेकिन माता की जगह अगर 'जय हिन्द' बोला जा रहा है तो उससे परहेज क्यों? क्या 'जय हिन्द' देश की भावनाओं को प्रकट नहीं करता। क्या इस नारे में हमारे देश के लोकतंत्र की महक नहीं है ? अगर है तो इसकी मुखालफत इतनी पुरजोर तरीके से क्यों?
'भारत माता की जय' ना बोलने पर MLA निलंबित
'भारत माता की जय' ना बोलने पर एमआईएम विधायक वारिस पठान को महाराष्ट्र विधानसभा ने निलंबित कर दिया है। मामला राज्यपाल के संबोधन पर चल रही बहस का है। इसी दौरान एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भारत माता की जय ना बोलने का मुद्दा शिवसेना प्रमुख ने उठाया।