फडणवीस ने माना इंदिरा का लोहा, बोले- आपातकाल की वजह से उनके योगदान को भुला नहीं सकते
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं स्व. इंदिरा गांधी को याद किया और उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। फडणवीस यहां विधान परिषद में इंदिरा गांधी की जन्मशती पर उनकी प्रशंसा करने वाले एक प्रस्ताव को पेश करने के बाद अपनी बात रख रहे थे।
प्रणब दा को मोदी में दिखता है नेहरू और इंदिरा का अक्स
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जनता से बेहतर संवाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने माना कि मोदी में उन्हें वही गुण दिखते हैं जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी में थे। दोनों ही अपनी बात बेहतरीन ढंग से कहने में दक्ष लोगों में शामिल हैं तथा उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर एक पुस्तक लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने विभिन्न नई पहल की हैं तथा उनके कुछ निर्णय युग प्रवर्तक हैं।
इंदिरा के हर फैसले को शिद्दत से जीता था भारत
जीवन को बेहतर बनाने के लिए भरोसे और विश्वास से बढ़ कर कुछ नहीं होता और आजाद भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी इसी भरोसे और विश्वास का नाम थी। यही वजह थी कि पूरा देश अपनी पीएम के हर फैसले को महसूस करता था और उसे पूरी शिद्दत से जीता भी था। इंदिरा ने जो कहा, जैसे कहा, जिस वक्त भी कहा भारत ने उस पर मुहर लगाई। साहस और हिम्मत की मूरत को भारत ने स्वीकारा।
'नेहरू मॉडल और नरसिम्हा राव की उदारीकरण नीति फेल'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नेहरू मॉडल को देश-हित को नुकसान पहुंचाने वाला मॉडल बताया है। उन्होंने भूतपूर्व पीएम नरसिम्हा राव को भी आर्थिक मसीहा ना मानने का मशविरा दिया। वित्त मंत्री मुंबई में जीएसटी पर एक सेमिनार में बोल रहे थे। यहीं उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के दौर में नेहरू मॉडल से विकास रुका रहा। यहां तक की अर्थव्यवस्था में उदारीकरण लाने वाले कांग्रेसी नेता पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव भी आर्थिक मसीहा नहीं थे।’
जानिए! कहां जाता था इनका वेतन और पेंशन?
क्या आपको पता है, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पेंशन लेने से मना कर दिया था। आपको शायद यह भी पता नहीं होगा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने वेतन लेने से मना कर दिया था। जी हां! यह सच है और दोनों महान विभूतियों के पेंशन और वेतन सरकार के आपदा कोष में जाता था। प्रधानमंत्री द्वारा गृह मंत्रालय की दशकों पुरानी फाइलों को नष्ट करने के आदेश के बाद मंत्रालय ने करीब डेढ़ लाख फाइलों को नष्ट किया है। इस प्रक्रिया के दौरान ऐसी ऐतिहासिक फाइलें हाथ लगी हैं।
हत्या पर राजनीति
देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की हत्या भी सियासी मु्द्दा बन गई है। अच्छी बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल तमिलनाडु सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। वैसे, कटघरे में कांग्रेस भी है और तमिलनाडु सरकार भी। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दोषियों की सजा-ए-मौत को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। इसी के बाद राजनीति अपने चरम पर पहुंच गई। जयललिता सरकार को मिशन-2014 दिख रहा था। सो आनन फानन में राज्य सरकार ने आपात बैठक कर बुधवार को सभी सात दोषियों को रिहा करने का फैसला ले लिया। साथ में केंद्र सरकार को ताकीद भी की कि अगर तीन दिन में इस पर केन्द्र की मंजूरी नहीं मिलती है तो राज्य सरकार बिना केंद्र की मंजूरी के ही दोषियों को रिहा कर देगी। अम्मा के इस मास्टर स्ट्रोक का अंदाजा केन्द्र को भी नहीं था।
राजीव हत्याकांड: राहुल के बयान से हरकत में आई सरकार
भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने को गैरवाजिब मानते हुये केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राहुल गांधी ने तमिलनाडु सरकार द्वारा हत्यारों को छोड़ने के फैसले पर अफसोस जताया था।