PM मोदी ने गोरक्षकों को दिया संदेश : यह देश अहिंसा की भूमि है, गौ-भक्ति के नाम पर हत्या मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के गोरक्षकों को संदेश देते हुए कहा कि यह देश अहिंसा की भूमि है, यह गांधी का देश है, यहां गौ-भक्ति के नाम पर लोगों की हत्या किसी भी रूप में स्वीकार नहीं की जा सकती। साबरमती आश्रम की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है। महात्मा गांधी आज होते तो इसके खिलाफ होते।
गांधी की शरण में मीरा : साबरमती आश्रम से शुरू करेंगी अपना प्रचार अभियान
राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार ने मंगलवार को हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर, राष्ट्रपति चुनाव में जाति को क्यों मुद्दा बनाया जा रहा है। मीरा ने सुषमा के वीडियो अटैक और नीतीश के समर्थन न देने के फैसले पर भी अपना पक्ष रखा। मीरा कुमार ने कहा कि वह 30 जून को अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगी।
गांधी को 'चतुर बनिया' कहकर विवादों में घिरे अमित शाह, विपक्ष ने कहा- माफी मांगें भाजपा अध्यक्ष
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जाति के संदर्भ में उनके लिए बहुत चतुर बनिया शब्द का उल्लेख कर नए राजनैतिक विवाद को जन्म दे दिया। कांग्रेस और अन्य दलों ने राष्ट्रपिता का अपमान करने के लिए शाह से माफी मांगने को कहा है। चौतरफा आलोचना का सामना करने के बाद अमित शाह ने कहा कि सभी जानते हैं कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बात कही है।
गांधी, गाय और गोरक्षक
गांधी जी का कहना था, गोरक्षा प्रचारिणी सभा का होना हमारे लिए बदनामी की बात है। जब गाय की रक्षा करना हम भूल गए तब ऐसी सभा की जरूरत पड़ी। आज गाय लाते-ले जाते किसानों की पीटकर हत्या की जा रही है। ऐसे वक्त में गौ-भक्ति को लेकर महात्मा गांधी के सम्यक विचारों पर चर्चा जरूरी हो जाती है। ख़ुद को गोभक्त हिंदू कहने वाले गांधी कानून बनाकर गोहत्या रोकने या गाय के नाम पर ख़ून-ख़राबा और उपद्रव के घोर विरोधी थे। यह आलेख गाय के बारे में गांधी जी के विचार हैं जिसे उन्होंने यंग इंडिया में लिखा था।
गांधी हम शर्मिन्दा हैं
26 जनवरी एक राष्ट्रीय पर्व। इस जश्न की कल्पना कम से कम अभी तक हमने बापू के बिना नहीं की थी, लेकिन भला हो सरकार का उसने हमें इसकी आदत डलवानी शुरू कर दी है। 68वें गणतंत्र दिवस के शोर के बीच गांधी के कहे को कौन याद करता है। जिस खादी को देश की अस्मिता, स्वावलंबन और सम्मान से जोड़ा उस खादी को अब ब्राण्ड वैल्यू की दरकार है। बापू तो वैसे भी ब्राण्ड नहीं, वो तो एक फकीर हैं, सो फकीर को फैशनपरस्तों और दिखावे की दुनिया से क्या वास्ता, बापू! तभी शायद तुम्हें खादी से अलग कर दिया गया। तुम अब अतीत हो, ये हमारे माननीय कई तरीकों से जता रहें हैं।
68वें गणतंत्र दिवस पर खादी इंडिया की झांकी से बापू नदारद
अभी कुछ ही दिन पहले की तो बात है जब खादी ग्राम उद्योग आयोग के कैलेंडर और डायरी से गांधी की तस्वीर को हटाया गया था तो खूब शोर मचा था, लेकिन लगता है सरकार ने उससे कोई सबक नहीं सीखा। तभी तो 68वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर जब झांकियां सजीं, रंगारंग कार्यक्रम हुआ, सेना की शौर्य गाथा गाई गई, लेकिन गांधी को देश की निगाहें ढूंढती रहीं पर वो नहीं दिखे।
खट्टर के मंत्री बोले- बापू से बड़ा ब्रांड हैं मोदी
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर मोदी की तस्वीर चस्पा करने का बेहूदा तर्क दिया है। उन्होंने कहा है कि गांधी की जगह मोदी की तस्वीर को लगाना ज्यादा सही है क्योंकि वो गांधी से बड़े ब्रांड हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के मंत्री यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने ये तक कह डाला कि गांधी की तस्वीर ने देश की करेंसी की कीमत भी घटाई है। हालांकि विवाद बढ़ता देख अनिल विज ने ट्वीट कर बयान वापस ले लिया। विज ने ट्वीट किया कि महात्मा गांधी पर दिया बयान मेरा निजी बयान हैं।
बापू की जगह मोदी की तस्वीर से सब नाराज, बोली शिवसेना- ये तो पाप है
खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर और डायरी पर महात्मा गांधी चरखा चलाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर सियासत शुरु हो गई है। विपक्ष ही नहीं सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना और बापू के पर पोते तुषार गांधी ने भी इस तस्वीर पर आपत्ति जताई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार ने अपना बचाव करने के लिए कानून का हवाला दिया है।
...और मोदी ने यूं छीन ली बापू की जगह
अफसोस अब महात्मा गांधी भी नए बदलते, उभरते भारत की पहचान तले कहीं पीछे छूट गए। उन्हें उस खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में जगह नहीं मिली जिस खादी की कल्पना उन्होंने की थी। खादी के जरिए भारत को एक सूत्र में पिरोने का सपना देखने वाले गांधी ने स्वदेशी अपनाओ का नारा दिया और अनगिनत संख्या में लोग इस नारे की भावना तले इकट्ठा होते गए। लेकिन अब मेरा भारत बदल रहा है और गांधी के प्रतीक की अनदेखी भी।
खादी ग्राम उद्योग आयोग के कैलेंडर और डायरी से बापू बाहर, चिपका दी गई PM मोदी की तस्वीर
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर ने देश को चौंका दिया है। नए साल के कैलेंडर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर को हटा दिया गया है और उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ले ली है। कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो को देखकर केवीआईसी के अधिकांश कर्मचारियों और अधिकारियों को झटका लगा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, 'चरखा कातने की ऐक्टिंग करने से कोई गांधी नहीं बन जाता है।'