महात्मा गांधी : मेरा जीवन ही मेरा संदेश
महात्मा गांधी ने अपने जीवन दर्शन को इन शब्दों 'मेरा जीवन ही मेरा संदेश है' से व्यक्त किया है। उनका विविध और सक्रिय व्यक्तित्व सत्य और सिर्फ सत्य पर ही आधारित था। अहिंसा इनके जीवन का दूसरा सबसे बड़ा सिद्धांत था।
ब्रेन ड्रेन को बदला जा सकता है ब्रेन गेन में : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रवासियों को समर्पित 'प्रवासी भारतीय केंद्र' के उद्घाटन समारोह में दुनिया को संदेश देते हुए कहा है कि अगर देश दुनियाभर में फैले 2.7 करोड़ प्रवासी भारतीयों को संख्या की बजाय एक ताकत के रूप में देखे तो 'ब्रेन ड्रेन' को 'ब्रेन गेन' में बदला जा सकता है।
तो क्या राहुल ने मौका गंवा दिया?
RSS को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपने बयान से पलट गए हैं। सवाल उठता है कि क्या उन्होंने खुद मौका गंवा दिया है। उनकी कार्यशैली बहुतों को रास नहीं आती। पार्टी के भीतर तो विरोध के सुर को दबा दिया जाता है लेकिन बाहर उनकी बेबी, बुद्धू जैसे कई नामों के जरिए खिल्ली उड़ाई जाती है। ।
द.अफ्रीकी दौरे को मोदी ने बताया तीर्थ समान
चार अफ्रीकी देशों के दौरे पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन महात्मा गांधी के सफर को दोहराया। मोदी, नस्लीय भेदभाव के खिलाफ महात्मा गांधी के संघर्ष को श्रद्धांजलि देने के लिए पेंट्रिच में एक ट्रेन पर सवार होकर पीटरमेरित्जबर्ग गए। साल 1893 में सात जून को जब गांधीजी डरबन से प्रीटोरिया जा रहे थे, तब एक श्वेत ने प्रथम श्रेणी के डिब्बे में उनके चढ़ने पर आपत्ति की और उन्हें तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने को कहा था। इसी रेलवे स्टेशन पहुंच कर पीएम मोदी ने कहा कि-मेरे लिए यह यात्रा तीर्थयात्रा जैसी है।
गांव के विकास को PM मोदी ने गांधी को किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के समापन पर जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ है और उस समय तक ग्रामोदय का बीड़ा उठाकर इसे अभियान के रूप में चलाते रहे ताकि गांधी के सपनों का गांव बनाने में सफल हों।
'कांग्रेस दर्शन' में सोनिया-नेहरू-गांधी पर हमला
कांग्रेस पार्टी के 131वें स्थापना दिवस पर पार्टी की मुंबई इकाई से प्रकाशित होने वाले मुखपत्र 'कांग्रेस दर्शन' ने सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी की नीतियों पर निशाना साधा है। कांग्रेस दर्शन के दिसंबर अंक में 'कांग्रेस की कुशल सारथी सोनिया गांधी' और 'पिता ने सबसे पहले सोनिया नाम से पुकारा था' शीर्षक से दो लेख छपे हैं। इन लेखों में सोनिया को लेकर वे तथ्य उजागर किए गए हैं जिनपर अब तक कांग्रेस बहस से बचती थी। लेख में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की जमकर आलोचना की गई है।
देश 'मनतंत्र' नहीं 'जनतंत्र' से चलता है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र को सिर्फ चुनाव और सरकार तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का आभास होना चाहिए कि वह देश के विकास के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को दैनिक जागरण अखबार के जागरण फोरम में कहा, 'लोकतंत्र की हमारी परिभाषा को चुनाव और सरकार तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता। लोकतंत्र जन भागीदारी से मजबूत होता है। देश मनतंत्र से नहीं जनतंत्र से चलता है। मैं देश के विकास की यात्रा को जन आंदोलन में परिवर्तित करना चाहता हूं।'
टॉप-10 सम्मानित हस्तियों में मोदी भी शामिल
विश्व आर्थिक मंच के ग्लोबल शेपर्स एन्युअल सर्वे में विश्व के सम्मानित हस्तियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दसवां स्थान मिला है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी चौथे और दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी दिवंगत नेता नेल्सल मंडेला पहले स्थान पर हैं। 125 देशों के 285 शहरों में किए गए सर्वे में तीन प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को पसंदीदा शख्स बताया। पोप फ्रांसिस दूसरे, टेस्ला मोटर्स के सीईओ एलन मस्क तीसरे, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स पांचवें, अमरीकी राष्ट्रपति बराक हसन ओबामा छठे और रिचर्ड ब्रेंसन सातवें स्थान पर रहे।
भारत का राजनीतिक इतिहास
राज करने अथवा राज चलाने सम्बन्धी नीति को 'राजनीति' कहा जाता है। स्पष्ट है कि राज करने या चलाने जैसी अति संवेदनशील एवं गम्भीर जिम्मेदारी के लिए इस पेशे में शामिल व्यक्ति को अत्यधिक योग्य, दक्ष, ईमानदार तथा कुशल नेतृत्व प्रदान कर पाने की क्षमता रखने वाला व्यक्ति होना चाहिए। त्रेतायुग में अर्थात भगवान राम के काल के हजारों वर्ष पूर्व से लेकर आजादी से पहले और फिर आजादी के बाद की भारतीय राजनीति ऐसे दिग्गज राजा और राजनेताओं से अटा पड़ा है।
'गोडसे को गांधी नहीं, नेहरू को मारना चाहिए था'
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केरल ईकाई के साप्ताहिक मुखपत्र केसरी में 17 अक्टूबर को प्रकाशित लेख में एक भाजपा नेता ने अप्रत्यक्ष रूप से यह इशारा किया गया है कि नाथूराम विनायक गोडसे को महात्मा गांधी नहीं बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को मारना चाहिए था। लेख पर विवाद खड़ा होने और राजनीतिक दलों के निशाने पर आने के बाद संघ ने खुद को इस लेख से अलग कर लिया है।