महेश राजपूत का आलोच्य व्यंग्य संग्रह ‘कभी फकीर! कभी चौकीदार!’ एक डिजिटल पुस्तक है। महेश राजपूत पेशे से पत्रकार हैं, हर खबर पर उनकी नजर रहती है। उन्होंने रोजाना के घटनाक्रम को ही अपनी रचना का विषय बनाया है। आज हालात ऐसे बना दिए गए हैं कि सत्ताधारी दल उसके नेता को लेकर सवाल पूछना, मंशा पर सवाल उठाना देशद्रोह की श्रेणी में डाल दिया गया है।