24 साल पहले मुलायम ने रचा था इतिहास, अब अखिलेश की बारी
समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के लिए जो प्रयोग 1993 में किया था, अखिलेश यादव 24 साल बाद 2017 के चुनाव में वही प्रयोग दोहरा रहे हैं। फर्क बस इतना है कि उस समय नेताजी मुलायम सिंह यादव ने बसपा के साथ गठबंधन किया था और इस बार अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है।
'यूपी में जिंदा नहीं बचूंगा, वो करा देंगे मेरी हत्या'
समाजवादी पार्टी में अखिलेश की बादशाहत कायम होने के बाद पार्टी से निष्कासित नेता अमर सिंह ने कहा है कि अगर मैं यूपी में रहा तो जिंदा नहीं बच पाऊंगा। रामगोपाल यादव मेरी हत्या करा देंगे। अमर सिंह ने कहा कि वह रामगोपाल के टारगेट पर हैं और वह खुलेआम मुझे धमकी दे रहे हैं कि मैं यूपी से सुरक्षित वापस नहीं जाऊंगा। अमर सिंह ने कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद अब वह छुट्टा सांड बन चुके हैं, 'जहां हरियाली दिखेगी वहीं पर मुंह मारेंगे।'
सपा का घोषणा पत्र-2017 जारी, मुलायम की कुर्सी रही खाली
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिया। लेकिन इस मौके पर सपा के पितृ पुरुष मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे। सपा नेता आजम खान मुलायम को मनाने के लिए गए लेकिन कार्यक्रम शुरू होने तक वापस नहीं लौटे। बाद में अखिलेश ने मुलायम की अनुपस्थिति में ही घोषणा पत्र जारी कर दिया। कार्यक्रम के बाद मुलायम आजम खान के साथ सपा दफ्तर पहुंचे। घोषणा पत्र जारी किए जाने के मौके पर अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल, सपा महासचिव किरणमय नंदा और आजम खान मौजूद रहे।
EC के फैसले के खिलाफ मुलायम नहीं जायेंगे अदालत, अखिलेश को भी पिता की सूची कुबूल
समाजवादी पार्टी के घमासान पर एक तरह से विराम लग चुका है। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश को ही पार्टी चुनाव चिन्ह का हकदार माना तो पिता ने इस फैसले को भावुक होते हुए स्वीकारा। उन्होंने तय किया था कि अब वो इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे लेकिन यहां भी भाई शिवपाल की सलाह काम आई और उन्होंने संस्थापक को कानूनी लड़ाई से दूर रहने के लिए मना लिया।
चुनाव आयोग ने मुलायम खेमे को दिया झटका, अखिलेश की सपा को सौंपी 'साइकिल' की चाबी
समाजवादी पार्टी में मुलायम और अखिलेश के बीच साइकिल और पार्टी को लेकर जारी जंग में चुनाव आयोग ने मुलायम गुट को करारा झटका देते हुए सोमवार को पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' अखिलेश के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को देने का फैसला सुनाया। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने सोमवार शाम को समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक की। आयोग ने यह फैसला 1968 के चिह्न आदेश के आधार पर दिया है।
नेताजी! पार्टी बचा लीजिए की आवाज गूंजी तो मुलायम, बोले- अखिलेश मेरी नहीं सुनते
समाजवादी पार्टी में दोफाड़ लगभग तय माना जा रहा है। सोमवार सुबह मुलायम सिंह यादव जब पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले तो कुछ कार्यकर्ता रोते हुए बोले- नेताजी! पार्टी बचा लीजिए। इस पर मुलायम भी भावुक हो गए। कार्यकर्ताओं को रुंधे गले से संबोधित करते हुए मुलायम ने कहा, मैंने बहुत कोशिश की, अखिलेश मेरी नहीं सुनते। मामला अब चुनाव आयोग में है। हमने अपना पक्ष रख दिया है। अब आज शाम 4.00 बजे तक चुनाव आयोग का फैसला आ जाएगा।
'टीपू' सुल्तान की जिंदगी में आई डिंपल तो...
सांसद डिंपल यादव का आज जन्मदिन है। जी हां! जिस दिन अखिलेश अपनी राजनीतिक बुआ मायावती को जन्मदिन की बधाई देते हैं उसी दिन वह अपनी डिंपल का भी जन्मदिन मनाते हैं। अखिलेश की जिंदगी में डिंपल एक पत्नी के रूप में तो अहम हैं ही, उनकी राजनीतिक जिंदगी में भी डिंपल काफी लकी रही हैं। प्रेम विवाह करने वाले अखिलेश ने मुख्यमंत्री बनने के बाद एक इंटरव्यू में कहा था कि शादी होते ही उनकी किस्मत बदल गई थी। डिंपल का उनकी जिंदगी में आना काफी भाग्यशाली रहा।
मेरे पास अब कुछ नहीं, जो था वो सब दे दिया: मुलायम
राजनीति के अखाड़े में अपने दांव बखूबी लगाने के लिए मशहूर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने एक और दांव खेला है। अब उन्होंने कहा है कि उनके पास अब कुछ भी शेष नहीं है उन्होंने अपना सब कुछ सौंप दिया है। अब इस सौंपने को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। कोई इसे एक पिता का भावुक संबोधन मान रहा है तो कोई इसे बेटे को अपनी थाती सौंपने का इशारा मान रहा है। लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुखातिब मुलायम ने कहा कि वो किसी भी कीमत पर पार्टी में टूट नहीं पड़ने देंगे क्योंकि ये दल उनकी मेहनत के बूते खड़ा हुआ है।
समाजवादी दंगल : पिता-पुत्र में सुलह की घोषणा जल्द
मुलायम सिंह यादव ने संवाद एजेंसी एएनआई से बात करते हुए यह साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही होंगे। मुलायम ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी एक है और इसके टूटने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है। इसके साथ ही नेता जी ने इस बात का भी ऐलान कर दिया कि जल्द ही वह चुनाव प्रचार करने के लिए पूरे प्रदेश के दौरे पर निकलेंगे। नेताजी की इन बातों से साफ जाहिर है कि पिता-पुत्र में सुलह की जल्द ही घोषणा की जाएगी। खबर यह भी है कि आज अखिलेश कांग्रेस युवराज राहुल से मिलेंगे।
नए अवतार में नेताजी, पार्टी ऑफिस में जड़ा ताला
सपा के संस्थापक नेता मुलायम सिंह यादव ने रविवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि पार्टी में चल रही वर्चस्व की जंग में वह पीछे हटने वाले नहीं हैं। मुलायम ने कहा कि वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। खबर यह भी है कि दिल्ली रवाना होने से पूर्व मुलायम ने पार्टी ऑफिस में ताला लगा दिया।