कन्फ्यूज्ड मुलायम!
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव आजकल बेहद कन्फ्यूज्ड चल रहे हैं। पिछले तीन दिनों में बिहार चुनाव को लेकर दिए गए तीन बयान इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि उन्हें खुद नहीं पता चल रहा कि वह क्या बोल रहे हैं और उनके इन बयानों से सपा की राजनीति किस ओर जा रही है। बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान भभुआ में एक रैली में मुलायम ने जहां सपा नीत तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने का दावा किया, उसके अगले ही दिन लखनऊ में यह कहकर सनसनी फैला दी कि बिहार में भाजपा नीत एनडीए सरकार बनाने जा रही है। और फिर अगले दिन मंगलवार को लोहिया जयंती के मौके पर यह बयान देकर नई बहस को जन्म दे दिया कि भाजपा ने आरक्षण का मुद्दा छेड़कर लालू-नीतीश-कांग्रेस के महागठबंधन को मजबूत कर दिया है। हालांकि सीधे तौर पर अभी कुछ भी कहना मुश्किल है, क्योंकि मुलायम सिंह यादव मानते हैं कि अगर आप राजनीति में हैं और आपके हाथ में सत्ता की ताकत नहीं है तो ये एक तरह से वक्त की बर्बादी है। संभव है, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद देश की बदली राजनीतिक परिस्थितियों में मुलायम जो-जो पत्ते फेंक रहे हैं वह सब 2017 के यूपी चुनाव में खुलकर सामने आएं।
मुलायम की भविष्यवाणी, बिहार में जीतेगी भाजपा
महागठबंधन से अलग होकर मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी ने नीतीश-लालू-कांग्रेस की ताकत को कम कर दिया। अब मुलायम ने भविष्यवाणी कर दी है कि बिहार में भाजपा की लहर है और ज्यादातर लोग बदलाव चाहते हैं। मुलायम ने कहा, बिहार में माहौल भाजपा के पक्ष में है और वह सरकार बना रही है यह सही है।
उप्र पंचायत चुनाव : मंत्रियों के रिश्तेदार बने उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में अखिलेश यादव की सरकार के कई मंत्रियों के रिश्तेदार किस्मत आजमा रहे हैं। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के चुनाव में विशिष्ट व्यक्तियों का झुकाव बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है सदस्यों द्वारा ही जिला पंचायत अध्यक्ष तथा क्षेत्र प्रमुख (ब्लॉक प्रमुख) चुना जाता है।
बिहार की सभी सीटों पर सपा खड़ा करेगी अपनी उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनावों में अपने दम पर किस्मत आजमाने का फैसला लिया है। ने की है। जिला अध्यक्षों से साथ बैठक के बाद सपा प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने कहा- वाम दलों और एनसीपी के साथ मिलकर मोर्चा बनाने की कोशिश चल रही है। अगर यह नाकम रही तो सभी 243 सीटों पर सपा अपने उम्मीदवार उतारेगी।
जनता परिवार का विलय, मुलायम होंगे अध्यक्ष
आखिरकार जनता परिवार के विलय का ऐलान हो ही गया। जनता दल से टूटकर अलग हुईं पार्टियों समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, इंडियन नेशनल लोकदल, जनता दल सेक्यूलर और समाजवादी जनता पार्टी के बीच हुई बातचीत के बाद बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी गई। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने पत्रकारों को बताया कि नए दल के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे। वे ही पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष होंगे। जल्द ही चर्चा कर नई पार्टी का नाम और झंडा व निशान तय कर लिया जाएगा।
जनता परिवार का विलय होना तय : शरद यादव
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, ‘जनता दल का विलय होना तय है और यह जल्द ही होगा।’ सूत्रों ने बताया कि इस समूह में संसद में सबसे अधिक सांसदों वाली पार्टी समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह विलय के बाद बनने वाली नयी पार्टी के अध्यक्ष होंगे। लोकसभा में सपा के पांच सदस्य, राजद के चार और जदयू, जदएस और इनेलोद के दो-दो सदस्य हैं। निचले सदन में इनके केवल 15 सदस्य हैं।
मुलायम की सपाइयों से गुहार, यूपी तो जितो दो
सोमवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश की मौजूदगी में एक बार फिर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को लताड़ लगाई और लोकसभा चुनाव हारने का आरोप भी लगाया। मुलायम लोहिया की 105वीं जयंती पर पार्टी कार्यालय में सभागार का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
सख्त मोदी की 'मुलायम' कूटनीति
देश के प्रधानमंत्री लगभग 45 मिनट तक एक ऐसे समारोह का हिस्सा बने जो ना तो भाजपाईयों का था और ना संघ का बल्कि ये शानदार आयोजन समाजवादियों का था। मोदी ने उप्र के सीएम अखिलेश की बिटिया को गोद में बिठाया, पुचकारा। अब मोदी की शैली को हम क्या नाम दें। राज्यसभा में जरूरी भूमि अधिग्रहण बिल पास कराने की कवायद या फिर जनता के बीच आम नेता की छवि बनाने वाला राजनेता। शायद इसे ही सख्त मोदी की मुलायम कूटनीति कहते हैं। सैफई में नेता जी के पोते का भव्य तिलोकोत्सव मानो एक राष्ट्रीय पर्व बन गया था। राजनीति की सभी जानी मानी हस्तियां अपने लाव लश्कर के साथ नेताजी के दर पर खड़ी दिखीं। वही सैफई था, वही भव्यता थी लेकिन इस पर उंगली उठाने वाले नेता इसका अंग बने आनंद उठा रहे थे। उस पर हमारे पीएम का व्यवहार किसी भी तरह से देश के उच्च पद पर आसीन व्यक्ति की गरिमा के अनुसार नहीं दिखा।
जनता परिवार ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
जनता दल परिवार ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर 'महाधरना' देकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को उसके छह महीने के कामकाज को लेकर आईना दिखाया। पांचों दलों ने सरकार पर वादाखिलाफी और देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का आरोप लगाया। महाधरना में समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (सेक्युलर) और इनेलो के नेताओं ने लोकसभा चुनाव के पूर्व किए गए वादों तथा धर्मांतरण को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया।
भाजपा में जाने से पूर्व सपा नेता अमर का इंकार
वाकई सियासत के खेल में न तो कोई दोस्त होता है और न ही कोई दुश्मन। एक जमाने में धुर भाजपा विरोधी अमर सिंह आजकल पीएम मोदी के मुरीद हो गए हैं। हालांकि उन्होंने भाजपा में जाने की संभावना से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि भाजपा से उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है।