चार बरस पहले युवाओं की उम्मीदों ने नरेंद्र मोदी को युवा भारत का प्रधानमंत्री बनाया, ताकि युवाओं की सारी परेशानियों का अंत हो सके। आज देश के भीतर युवाओं की चिंताओं को देखते हुए यह सवाल उठना लाजिमी है कि बीते चार बरस में युवा भारत के युवाओं को कितनी नौकरियां मिली? युवा भारत के युवाओं का विकास दर क्यों 2014 की उम्मीदों और दावों के विपरीत खड़ा है?