मोदी सरकार के तीन साल : तीन धमाके, तीन सवाल
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं। इन तीन सालों के कामकाज का निष्पक्ष और तथ्यात्मक विश्लेषण आज इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके आधार पर ही भविष्य के बारे में सोचने की संभावना बनेगी। मोदी सरकार के तीन साल में तीन बड़े धमाके हुए जिनका असर वर्तमान में भी है और भविष्य में भी होना निश्चित है। पहला धमाका था नोटबंदी का। दूसरा पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का और तीसरा किसानों के कर्ज माफ करने के वायदे से मुकरने का। इनमें से हर धमाके का अलग-अलग असर साफ दिखाई दे रहा है।
मोदी सरकार के 3 साल : रेलवे के निजीकरण से मंत्री का इनकार, बुलेट ट्रेन पर काम शुरू
केंद्रीय रेल एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने रेलवे का निजीकरण होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए इस बात को साफ किया है कि निजीकरण नहीं होगा और सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में काम शुरू हो गया है।
उनके 70 साल से बेहतर हैं हमारे तीन साल: अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी जश्न में डूबी है। अपनी सफलता के तीन साल जोशोखरोश से मना रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तीसरी वर्षगांठ पर अपनी इच्छा, राय और फ्यूचर प्लान को मीडिया के जरिए सामने रखा। उन्होंने 2019 में सफलता का नया आयाम गढ़ने का संकल्प दोहराया साथ ही उत्साहित शाह ने कांग्रेस के 70 साल के शासन के मुकाबले अपने तीन साल की सरकार को बेहतर बताया। विपक्ष को चुन-चुन कर निशाना बनाने के सवाल पर शाह ने स्पष्ट किया कि कोई भी कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की जा रही है।
'किसान विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही है केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार'
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि किसान विरोधी नीतियों को बढावा देने के कारण ही देश में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, योगी सरकार को ‘चेतावनी सरकार’ कहा जाना ज्यादा मुनासिब होगा। क्यों कि महज 60 दिनों के भीतर इस सरकार ने बगैर कोई काम किये करीब 600 चेतावनियां जारी की हैं।