भारत के राष्ट्रपति
भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रमुख और भारत के प्रथम नागरिक होते हैं, साथ ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख सेनापति भी। सिद्धांतत: राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। लेकिन कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। राष्ट्रपति को भारतीय संसद के दोनो सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा पांच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।
भारत में ओबामा, राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का दिल्ली पहुंचने के बाद राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबामा का स्वागत किया। ओबामा ने हाथ जोड़कर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिवादन का जवाब दिया। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा रविवार सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर तीन दिवसीय भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
केरल के राज्यपाल पद से शीला दीक्षित का इस्तीफा
केरल की राज्यपाल शीला दीक्षित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को शीला दीक्षित ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, उसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की थी। राजनाथ सिंह से उनकी मुलाकात मात्र चार मिनट ही चली थी। इसके बाद से यह माना जा रहा था कि शीला दीक्षित अपने पद से इस्तीफा दे सकती हैं।
तबादले से खफा शंकरनारायणन का राज्यपाल पद से इस्तीफा
राष्ट्रपति भवन से मिजोरम तबादला करने का आदेश जारी होने के कुछ घंटे बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया। शंकरनारायणन की जगह गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी...
मैं नरेंद्र मोदी, ईश्वर की शपथ लेता हूं....। इन शब्दों के साथ जैसे ही नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के 14वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, सवा सौ करोड़ भारतवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी और उनके मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक रहा और जिस तरह का मंत्रिमंडल मोदी ने दुनिया के सामने रखा उससे यह स्पष्ट तौर पर माना जा सकता है कि मोदी ने एक सकारात्मक संदेश दिया है। नरेंद्र मोदी के रूप में सोमवार को दुनिया के देशों ने एक ऐसे नेता के उत्कर्ष को देखा जिसने एक तरह से अपने बल पर अकल्पनीय राजनीतिक सफलता अर्जित की। शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के साथ ही न केवल मोदी सरकार का सपना साकार हुआ, बल्कि भारतीय जनमानस की अभिलाषा भी पूरी हुई।
मोदी के हवाले सवा सौ करोड़ लोगों का मुल्क
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में आठ पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति में नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने सोमवार को देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। इस दौरान मंत्रिमंडल के 45 सदस्यों को भी शपथ दिलाई गई, जिनमें 23 कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार वाले 10 मंत्री और 12 राज्यमंत्री शामिल हैं। 63 साल के नरेंद्र मोदी उम्दा नेहरू जैकेट पहने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पहुंचे थे। जब मोदी शपथ लेने के लिए खड़े हुए तो हवा में 'मोदी, मोदी' के नारे गूंजने लगे।
शपथ ग्रहण समारोह के लिेए मोदी ने पड़ोसी देशों को भेजा न्यौता
पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ समेत दक्षिण एशियाई देशों के नेताओं को नरेन्द्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है। नरेंद्र मोदी 26 मई की शाम 6 बजे अपने कैबिनेट के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।