मोदी सरकार के 4 साल : 15 राज्यों के उपचुनावों में एक भी नई लोकसभा सीट नहीं जीत पाया एनडीए
मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में 15 राज्यों में लोकसभा की 27 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। इन 27 में से 16 सीटों पर राजग का कब्जा था लेकिन उपचुनावों के बाद इसमें से 9 सीटों पर भाजपा और उनके सहयोगी दलों को हार मिली है, जबकि सात सीट बचाए रखने में वो कामयाब रहे हैं।
अब मोदी की टीम बतायेगी नोटबंदी के फायदे
नोटबंदी से मचे बवाल और विपक्ष के आक्रामक रवैये से मुकाबला करने की जिम्मेदारी अब पीएम ने अपने सांसदों पर डाल दी है। उन्होंने निर्देश जारी किया है कि आप आम लोगों को इस व्यवस्था से होने वाले फायदे के बारे में बतायेंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वे विपक्ष के आरोपों को खारिज करने के लिए रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के फैसलों के बारे में लोगों को जानकारी दें। खबरों की मानें तो भाजपा संसदीय दल द्वारा इस सिलसिले में राजग सांसदों को एक संदेश भेजा गया है।
बैकफुट पर 'सरकार'
शायद ये चुनावी मौसम ना होता तो रामकिशन ग्रेवाल की खुदकुशी पर कोई चूं तक ना करता। लेकिन हंगामा बरपा और ऐसा कि फिलहाल केन्द्र बैकफुट पर और विरोधी खेमा फ्रंट फुट पर खेलता दिख रहा है। हालांकि मानना पड़ेगा कि जिस अंदाज में विपक्ष ने मुद्दे को लपका और शोर मचाया उतनी ही ढिलाई का परिचय केन्द्र की ओर से दिखा। आम आदमी पार्टी से लेकर कांग्रेस नफे-नुकसान की राजनीति में लग गए हैं। एनडीए सरकार के मंत्री भी कोशिश तो कर रहें हैं लेकिन अब तक की सभी कोशिशें नाकाफी लग रहीं हैं।
संस्कृति बोर्ड का पुनर्गठन, भाजपा की तरफ जिनका रुझान उन्हें मिली जगह
लगभग महीने भर पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के प्रबंधन को पुनर्गठित करने के बाद राजग सरकार ने संस्कृति संबंधी केंद्रीय सलाहकार बोर्ड को भी पुनर्गठित कर दिया है। अब इसके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी से भी अधिक कर दी है। खास बात ये कि नए सदस्यों में अधिकतर भाजपा के प्रति झुकाव रखने वाले लोगों को तरजीह दी गई है। पैनल के सदस्यों में भाजपा सांसद किरण खेर के पति और सरकार के मुखर समर्थक अनुपम खेर, मशहूर शास्त्रीय डांसर सोनल मानसिंह शामिल हैं।