पनगढ़िया ने सरकारी नीति की खोली पोल, कहा- योग्यता को काम नहीं और काम को बढ़िया दाम नहीं
देश नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नीति आयोग ने कहा है कि भारत में बेरोजगारी बड़ी समस्या नहीं है बल्कि देश ‘योग्यता के अनुसार काम’ (अंडर इम्प्लायमेंट) और बेहतर मजदूरी (वेल पेमेंट) नहीं मिलने की चुनौती का सामना कर रहा है और इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। नीति आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों और मंत्रालयों के लिए तीन साल का एजेंडा 'इंडिया : थ्री-ईयर एक्शन एजेंडा 2017-18 से 2019-20' जारी किया।
मोदी सरकार का फरमान- अब हाथ में नहीं मिलेगी तनख्वाह
नोटबंदी के बाद से लगातार सरकार हर उस नुस्खे को आजमा रही है जिससे देश उसकी नीतियों को सही और फायदेमंद करार दे। नए फैसले हो रहें हैं। फिर गुणा भाग कर नफे और नुकसान का गणित समझा रहा है उसके बाद ऐलान को बरकरार या पलट दिया जा रहा है। तो अब प्रधानमंत्री ने देश को कैशलेस बनाने की मुहिम को और तेज कर दिया है। उनका फरमान है कि अब लोगों को सैलरी कैश में नहीं चेक या सीधे अकाउंट में पहुंचा कर दी जाए।
जानिए! कहां जाता था इनका वेतन और पेंशन?
क्या आपको पता है, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पेंशन लेने से मना कर दिया था। आपको शायद यह भी पता नहीं होगा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने वेतन लेने से मना कर दिया था। जी हां! यह सच है और दोनों महान विभूतियों के पेंशन और वेतन सरकार के आपदा कोष में जाता था। प्रधानमंत्री द्वारा गृह मंत्रालय की दशकों पुरानी फाइलों को नष्ट करने के आदेश के बाद मंत्रालय ने करीब डेढ़ लाख फाइलों को नष्ट किया है। इस प्रक्रिया के दौरान ऐसी ऐतिहासिक फाइलें हाथ लगी हैं।