संसद सत्र में देरी सरकार की मनमानी
2017 में संसद के शीतकालीन सत्र में विलंब करने के पीछे सरकार की क्या सोच है यह लोग जरूर जानना चाहते हैं। सरकार की ओर से ऐसा कोई कारण भी नहीं बताया गया जिससे लोगों को संतुष्टि हो सके। भारतीय लोकतंत्र में संसद की सर्वोच्चता पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं होना चाहिए। क्योंकि इस प्रणाली का नाम ही संसदीय लोकतंत्र है।
शीतकालीन सत्र में देरी पर घिरी सरकार, जेटली ने किया कांग्रेस पर पलटवार
संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने में जानबूझकर देरी किए जाने के विपक्ष के आरोपों पर चौतरफा घिरी केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर पटलवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस भी पहले इस तरह से संसद सत्र की तारीखों में बदलाव करती रही है। उन्हीं से तो हमने सीखा है।
नोटबंदी के 30 दिन : विपक्ष ने मनाया ब्लैक-डे, संसद की कार्यवाही ठप
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की घोषणा के एक महीने पूरे होने पर विपक्ष ने इसे काला दिवस की संज्ञा दिया। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होकर काली पट्टी बांधकर मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया। दूसरी तरफ संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामा पहले की तरह आज भी जारी है।
नोटबंदी पर संसद में गतिरोध जारी, जानिए! गुरुवार को सदन में कौन क्या बोला?
नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद में आज भी गतिरोध कायम रहा जहां लोकसभा में विपक्षी सदस्य मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने पर अड़े रहे वहीं राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन के बाहर दिये गये अपने एक बयान पर माफी मांगे।
राज्यसभा में कांग्रेस ने सरकार से पूछा; क्या PM मोदी की रैली का पेमेंट चैक से हो रहा है?
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। लोकसभा में पहले दिन दिवंगत नेताओँ को श्रद्धांजलि देकर गुरुवार तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया, लेकिन राज्यसभा में नोटबंदी पर जोरदार चर्चा हुई। राज्यसभा में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली पर ही यह कहकर सवाल खड़ा कर दिया कि पीएम की रैली का भुगतान क्या चैक से हो रहा है। जब टीवी खोलो पीएम मोदी किसी रैली में बोल रहे होते हैं।
अर्थव्यवस्था के लिए ‘ब्रह्मास्त्र’ है जीएसटी
वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल पुथल और मांग में गिरावट के बीच संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी बिल का पारित होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘ब्रह्मास्त्र’ साबित हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, जीएसटी के लागू होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में दो प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।