‘बिहार के भले’ की सरकार बननी जरूरी
बिहार चुनाव में जातीय भावना को उभारने की लड़ाई चरम पर है। रोजगार, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था कोई मुद्दा दिख नहीं रहा। लेकिन, बिहार में रह रहे बिहारी और बाहरी बिहारियों के लिए ये मुद्दा जरूर होगा। उम्मीद तो यही है कि 8 नवंबर को जिसकी भी सरकार बनेगी इन्हीं मुद्दों के इर्द गिर्द बनेगी।
मोदी सरकार और 10 प्रतिशत की तरक्की का सपना
मोदी सरकार के एक साल के कामकाज की समीक्षा बीच सवाल यह है कि क्या 10 प्रतिशत की तरक्की का जो सपना भारतीय जनमानस ने देखा था उसकी बुनियाद पिछले एक साल में बनी है या नहीं। क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी 10 प्रतिशत की तरक्की का सपना दिखाया है।
PM मोदी ने दुनिया को दिखाया नेतृत्व का फर्क
पीएम मोदी ने जिस तरह से भूकंप पीड़ित नेपाल की मदद करने में तेजी दिखाई वो अद्भुत है। मोदी ने देश और दुनिया को यह बताने की कोशिश की है कि विनाशकारी आपदा में सरकार कैसे काम करती है। उसी का नतीजा है कि तीन मंत्रालयों के सचिव एक साथ मीडिया से बात कर रहे हैं।
किसान गजेंद्र की खुदकुशी का जिम्मेदार कौन है?
ये आत्महत्या लाइव टीवी की टीआरपी और उसके जरिए अरविंद केजरीवाल की लोगों के दिलों-दिमाग पर छाने की घृणित कोशिश का परिणाम है। लाइव टीवी नहीं होता और लाइव टीवी के ही बूते मुख्यमंत्री बने केजरीवाल और उनकी पार्टी नहीं होती तो शायद गजेंद्र भी खुदकुशी की योजना नहीं बनाता।
लोकतंत्र की जीत के लिए!
लोकतंत्र में हार जीत होती रहती है। इसलिए दिल्ली कौन जीतेगा का जवाब है- कोई भी जीत सकता है। ये भी ठीक है कि सत्ता का नशा ऐसा होता है कि उसमें अहंकार बढ़ना पक्का है। ये भी ठीक है कि अहंकार बढ़ने से तानाशाही आ जाती है। भाजपा का दिल्ली चुनाव जीतना ठीक नहीं है। इसलिए लोकतंत्र बचाने के लिए जरूरी है कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जीत जाए।
बंगाल में दक्षिणपंथ, दीदी और वामपंथ
पश्चिम बंगाल अमित शाह की प्राथमिकता में है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का पूरा ध्यान कांग्रेस और लेफ्ट से हटकर अब सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की तरफ है। आने वाले समय में बंगाल की बेहद दिलचस्प लड़ाई भारतीय राजनीति के इतिहास में अद्भुत तरीके से शामिल होने जा रही है।
ग्लोबल फ्रंट पर पीएम मोदी की धमक
सीएनएन पर शो करने वाले फरीद जकारिया ने नरेंद्र मोदी का साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार के बाद जकारिया कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी विश्व नेता बनने की क्षमता रखते हैं। सही भी है, मोदी के व्यक्तित्व और उसके तथ्यों के आधार पर दुनिया में भारत की ताकत को देखने का नजरिया बदल रहा है।
यकीन मानिए! महंगाई भाग खड़ी होगी।
नरेंद्र मोदी चुनाव के समय अपने भाषणों में एक बात अक्सर कहते थे कि देश में रियल टाइम कमोडिटी के आंकड़े होने चाहिए। अब चूंकि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तो इसे तुरंत अमल में लाया जाना चाहिए। यकीन मानिए! महंगाई इससे भाग खड़ी होगी।
ये उत्तर प्रदेश का चरित्र है!
किसी भी समुदाय, समाज की व्याख्या उसके नायकों के आधार पर ही की गई है। पहले राजे-रजवाड़े, नवाब होते थे। अब लोकतंत्र है। इसलिए चुनकर जो आ जाए वही नायक होता है। चुनकर कैसे आया ये मुद्दा नहीं है। उसी के चरित्र से समुदाय, समाज, राज्य और देश का चरित्र तय होता है। आज उत्तर प्रदेश का चरित्र तय हो रहा है।
जातिवादी राजनीति का शीर्षासन या फिर से...
नरेंद्र मोदी की राजनीति ने चुनाव के परिणामों से देश में धर्म और जाति की राजनीति का शीर्षासन जरूर करा दिया है। लेकिन बिहार की राजनीति में एक बार फिर से महादलित को मुख्यमंत्री बनाकर जिस तरह से नीतीश और लालू एक मंच पर आ गए हैं, कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।