उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे : जानिए! कौन आगे और कौन पीछे
उत्तर प्रदेश की ही तरह उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे पूर्ण बहुमत की सरकार की प्रबल इच्छा को दर्शाते हैं। 70 सीटों के लिए 15 फरवरी को संपन्न हुए चुनावों के भी नतीजे भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में गए हैं। भाजपा के खाते में 57 और कांग्रेस के खाते में 11 सीटें गई हैं वहीं अन्य को 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे : जानिए! कौन आगे और कौन पीछे
जहां उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में कांग्रेस के हाथ निराशा लगी है वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे पार्टी के लिए उत्साहवर्धक साबित हुए है। 117 सीटों के लिए 4 फरवरी को संपन्न हुए चुनावों के परिणाम कांग्रेस के ताकत को बढ़ाने वाले हैं। यहां कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में भी 20 सीटें आईं हैं, शिरोमणि अकाली दल ने भी 15 सीट पर जीत दर्ज की है और भाजपा ने भी 3 सीटों पर कब्जा जमाया है। लोक इंसाफ पार्टी 2 पर जीती है।
गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे : जानिए! कौन आगे और कौन पीछे
गोवा विधानसभा चुनाव 2017 के तहत 40 सीटों के लिए 4 फरवरी को संपन्न हुए चुनावों के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में गए हैं। पार्टी ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया है वहीं भाजपा को 13 सीटें मिली हैं। आम आदमी पार्टी यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 3 पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी, 3 पर महाराष्ट्रवादी गोमांतक और एक सीट पर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और 2 पर निर्दलीय ने जीत का परचम लहराया है। इस चुनाव की सबसे बड़ी बात यह है कि मेंडरम सीट से मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर भी चुनाव हार गए हैं,
मणिपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे : जानिए! कौन आगे और कौन पीछे
मणिपुर विधानसभा चुनाव 2017 के तहत 60 सीटों के लिए दो चरणों (4 मार्च और 8 मार्च) में संपन्न हुए चुनावों के नतीजे किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दे रहे हैं, हालांकि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर कांग्रेस उभरी है। कांग्रेस ने यहां 28 सीटों पर जीत हासिल की है, तो भाजपा ने भी अब तक का अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 21 सीटें अपने नाम की है। नगा पीपुल्स फ्रंट को 3 और नेशनल पीपुल्स पार्टी को भी 3 सीटें, 1 सीट लोकजनशक्ति पार्टी और एक निर्दलीय को मिली हैं।
जनादेश : यूपी, उत्तराखंड में भाजपा और पंजाब में कांग्रेस का परचम
उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों के नतीजे दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के लिए 'कहीं खुशी कहीं गम' का सबब लेकर आया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार है और इन राज्यों में भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिला है जबकि पंजाब में कांग्रेस ने शानदार वापसी की है। मणिपुर और गोवा में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर खुद को स्थापित करने में कामयाब रही है।
कांग्रेस ने Exit Poll को किया सिरे से खारिज, कहा- जीतेंगे हम
चुनाव बाद सर्वेक्षण को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी आह्लादित है वहीं कांग्रेस ने एक्जिट पोल को सिरे से खारिज किया है। पार्टी का दावा है कि जिन लोगों ने इतिहास से सबक नहीं लिया है, वे दोबारा ये गलतियां कर रहे हैं। कांग्रेस ने 2009 के आम चुनाव और 2015 के बिहार चुनाव के बाद आए एक्जिट पोल का उदाहरण दिया।
एग्जिट पोल नतीजों पर बोली इरोम- लोग नहीं बदले
मणिपुर विधानसभा 2017 एग्जिट पोल के जो नतीजे आए हैं वो किसी के लिए खुशी तो किसी के लिए गम का सबब बने हैं। मणिपुर को लेकर राय बंटी हुई है। इस बीच इन एग्जिट पोल्स के आधार पर शर्मिला इरोम थोड़ी निराश हैं। उन्होंने माना है कि लोग अब भी नहीं बदले हैं। चुनाव बाद सर्वेक्षण के नतीजों पर जब इरोम की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इन नतीजों से कोई खास फर्क नहीं पड़ता।
UP के आलापुर और उत्तराखण्ड के कर्णप्रयाग में मतदान संपन्न, स्थगित हुए थे चुनाव
उत्तर प्रदेश में अंबेडकरनगर के आलापुर और उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को वोटिंग हुई। आलापुर में जहां 60.06 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया तो वहीं कर्णप्रयाग में 58.6 फीसदी मतदान हुआ। इन सीटों के नतीजे भी 11 मार्च को ही आएंगे। प्रत्याशियों की आकस्मिक मृत्यु के बाद इन सीटों पर मतदान स्थगित कर दिया था।
'अगर हारे तो सोचेंगे एक्सप्रेस वे क्यों बनाया?'
चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब निगाहें 11 मार्च के नतीजों पर टिक गई है। एग्जिट पोल जता रहें हैं कि भारतीय जनता पार्टी की लहर बरकरार है। सभी दल अपने-अपने जीत के दावे भी कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास की राजनीति पर एक अहम बयान दिया है। अखिलेश यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में कहा है कि, अगर यूपी में जाति-धर्म की राजनीति जीतती है तो वे खुद से पूछने को मज़बूर होंगे कि अगर ऐसा ही है तो एक्सप्रेस वे क्यों बनाया जाए।
अगर जरूरत पड़ी तो 'बुआजी' से हाथ मिलाने को तैयार हैं 'बबुआ'! ये महागठबंधन की आहट तो नहीं?
विधानसभा चुनावों के बाद जो सर्वेक्षण आ रहें हैं उस आधार पर ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुछ ऐसा कह दिया कि सब सकते में हैं और मान रहें हैं कि शायद अखिलेश अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है। बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि अगर उन्हें जरूरत पड़ी तो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ वो मायावती से हाथ भी मिला सकते हैं। नतीजों से पहले अखिलेश का ये बयान इशारा भी करता है कि हो सकता है भविष्य में बिहार की तर्ज पर महागठबंधन की कहानी उत्तर प्रदेश में भी दोहराई जाए।