कांग्रेस ही भाजपा का एकमात्र विकल्प-3
कांग्रेस को देश के वर्तमान सामाजिक व राजनैतिक यथार्थ और उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर ही एक ऐसी आर्थिक नीति को तैयार करना चाहिए जिसमें युवाओं को रोजगार के सुनिश्चित अवसर उपलब्ध हो सकें। इसके लिए गांवों के विकास की एक ऐसी स्वदेशी रूपरेखा तैयार करनी चाहिए जो हमारी पारिस्थितिक तंत्र के अनुकूल हो। जैसे खेती के छोटे जोतों को जोतने लायक बनाने के साथ ही उनके मालिकाना हक पर भी निर्णायक कदम उठाना चाहिए।
कांग्रेस ही भाजपा का एकमात्र विकल्प-2
2019 के चुनावों के लिए कांग्रेस को एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना होगा। पहला मोर्चा कांग्रेस के अंदर की कार्य-संस्कृति में आमूल-चूल बदलाव लाना और सहयोगी दलों के साथ एक समान विचारधारा के स्तर पर वैचारिक गठबंधन कायम करने का होगा। इसके अलावा कांग्रेस के लिए 2019 के संसदीय चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के वर्तमान सामाजिक-आर्थिक नीतियों के बरक्स एक नई गांव-किसान पर आधारित आर्थिक नीतियों की जरूरत होगी।
कांग्रेस ही भाजपा का एकमात्र विकल्प-1
हाल में संपन्न संसदीय उपचुनाव के परिणामों ने एक बार फिर से कांग्रेस के सामने भाजपा का विकल्प बनने की संभावना को मजबूत किया है। लेकिन इस मोड़ तक पहुंचने के लिए कांग्रेस को काफी कुछ बदलना होगा। फिलहाल ऐसा प्रतीत होता नहीं दिख रहा है, लेकिन राहुल गांधी के गुजरात अभियान और कांग्रेस के प्लेनरी सेशन के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि वे कांग्रेस पार्टी में आमूल-चूल बदलाव की इच्छा रखते हैं। अब जरूरत इस बात की है कि वे इस दिशा में बढ़ते हुए अपनी इच्छाशक्ति का भी स्पष्ट प्रदर्शन करें।
क्या दुनिया से लोकतंत्र वाकई खत्म हो रहा है?
संवैधानिक तरीके से लोकतंत्र की रक्षा नहीं हो सकती तो इसकी रक्षा कैसे हो सकती है? यह सवाल जनवरी 2018 में प्रकाशित एक पुस्तक 'हाउ डेमोक्रेसी डाई' अर्थात 'लोकतंत्र कैसे खत्म होता है' में लेखक स्टीवन लेवित्स्की और डेनियल ज़िब्लाट्ट ने एक जगह उठाया है। पुस्तक में ही इसका जवाब देते हुए वे लिखते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा दो ही तरीके से हो सकती है।
बजट के हेल्थ स्कीम में छेद-ही-छेद
अब तक वन लाइनर पंच के लिए विख्यात मोदी सरकार के इस साल के आम बजट को यदि वन लाइनर पंच देना हो तो यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि इस बजट में वन लाइनर पंच है ही नहीं, यहां तक कि बहुचर्चित फ्लैगशिप स्वास्थ्य योजना 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना' की गहराई से जांच करने पर उसमें भी बहुतेरे छेद नजर आ रहे हैं।