केंद्र सरकार अब आम लोगों के लिए भी दिवालिया कानून तैयार कर रही है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जो इस बात पर गंभीर रूप से विचार कर रहा है कि छोटे-मोटे डिफॉल्टर या कर्जदाताओं को ऋणदाताओं की समिति गठित करने के प्रावधान से बरी किया जाना चाहिए।