सियासी चक्रव्यूह में फंसे सुशासन बाबू
बिहार स्थित मुजफ्फरपुर बालिका गृह की भयावह स्थिति पहली बार अप्रैल 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की एक रिपोर्ट में उजागर हुआ था, लेकिन नीतीश सरकार ने महीनों-महीनों इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस भयानक स्थिति पर सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार की चुप्पी कुछ बड़े सवाल खड़े करती है। आखिर इतने दिनों तक टिस की इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई क्यों नही हुई?
PM मोदी ने बिहार में बाढ़ के हालात का लिया जायजा, 500 करोड़ रुपये के पैकेज का किया ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। उन्होंने राज्य में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए 500 करोड़ का राहत पैकेज देने का भी एलान किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नुकसान का आंकलन करने के लिए केंद्र की टीम को भी भेजा जाएगा।
शरद यादव पर नीतीश का पहला चाबुक, राज्यसभा में पार्टी नेता पद से हटाया
बागी जदयू नेता शरद यादव पर आखिरकार नीतीश का पहला चाबुक पड़ ही गया। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। इस बारे में पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र सौंप दिया गया है। जदयू ने यादव की जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में अपना नेता चुना है। इस फैसले के नतीजे से पार्टी का दो खेमे में बंटना तय माना जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को ही पार्टी के एक और कद्दावर नेता अली अनवर को भी निलंबित किया जा चुका है।
खतरे में नीतीश कुमार की कुर्सी, रद्द हो सकती है विधान परिषद की सदस्यता
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। याचिका में नीतीश कुमार पर कथित तौर पर लंबित आपराधिक मामला छिपाने का आरोप लगाया गया है।
सुशासन बाबू की यारी गजब की न्यारी
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्हें प्यार से सुशासन बाबू भी कहा जाता है ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अवसरवादी राजनीति से उनकी यारी गजब की न्यारी है। 12 साल में 6 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना वाकई कमाल की बात है।
2019 के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश कुमार ने लगाई मुहर, कहा- उनके मुकाबले का नेता नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन टूटने के लिए आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया और इस बात को बड़े मन से स्वीकार किया कि 2019 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने की क्षमता देश के किसी नेता में नहीं है। नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करते हुए नीतीश ने कहा कि उनमें फिर से प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है और हम उनके नेतृत्व में 2019 में लोकसभा का चुनाव जीतेंगे।
मौके की यारी
नीतीश कुमार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह न तो जेडीयू के नेता हैं, न महागठबंधन के नेता है और न ही एनडीए के नेता हैं। वह नेता हैं तो सिर्फ 'मौके की यारी' के। बुधवार को जब नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी। इसके जवाब में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को तहे दिल से शुक्रिया भी कहा। भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब किसी मुख्यमंत्री के इस्तीफे पर देश के प्रधानमंत्री ने बधाई दी हो। कुछ ही घंटों में इन दोनों नेताओं के बीच नजदीकियां इतनी बढ़ जाए, इसे मौके की यारी न कहें तो और क्या कहें?