71 बरस पहले हमारे पूर्वजों ने गुलामी के परचम को मां भारती के माथे से हटाकर औपचारिक तौर पर स्वाधीनता हासिल की थी। लिहाज़ा इस आज़ादी दिवस के अवसर पर स्वाधीनता के उन महावीरों को याद करते हुए आज की नई पीढ़ियों को देश के बंटवारे से जुड़ी कुछ बातों से रू-ब-रू कराना जरूरी है ताकि स्वाधीनता के महावीरों को लेकर उनके मन में कोई भ्रम अथवा वहम की गुंजाइश न हो। क्योंकि मुल्क के बंटवारे की तोहमत अक्सर गांधी जी (बापू) पर लगाई जाती है और कहा जाता है कि गांधी ही भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के असली गुनहगार हैं।