विकास की राजनीति पर फिदा हुई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को एक बार फिर से बड़ा जनादेश दिया है। यह जनादेश खासतौर से उन नेताओं तथा उम्मीदवारों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने चुनाव के दौरान अथवा इससे पहले विवादित बयान देकर नफरत की राजनीति के बूते चुनाव जीतने की एक खतरनाक कोशिश की थी। सच जानिए तो दिल्ली जनादेश के कई मायने हैं जिसे घोर सांप्रदायिक पार्टी भाजपा समेत सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को समझने की जरूरत है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी का जो काम देखा है, उसकी काम करने की जो नीयत देखी है, उस पर अपना भरोसा जताया है। कहने का मतलब यह है कि कहीं न कहीं काम की राजनीति, सही मायने में विकास की राजनीति को लोगों ने पसंद किया है और भारतीय राजनीतिक परिवेश में यह बदलाव बहुत बड़ी चीज है, क्योंकि देश भर में इसका एक संदेश जाएगा कि जनता काम पर वोट करने लगी है।
दिल्ली फिर से हुई आप की; ऐतिहासिक जीत पर बोले अरविंद केजरीवाल- गजब कर दिया आपने
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के जनादेश ने साफ कर दिया कि दिल्ली तो आप की है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को इस बार 70 में से 62 सीटें हासिल हुईं यानी 88 प्रतिशत सीटें। पिछली बार आप ने 67 सीटें जीती थीं यानी 96 प्रतिशत सीटें। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल लगातार दो बार 88 प्रतिशत सीटें जीतने वाले देश के पहले नेता बन गए हैं।