इस आरक्षण से बदलेगा देश!
लोकसभा में आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल पारित होने के बाद मीडिया में और राजनीति तौर पर इसे सवर्ण आरक्षण बिल भी कहा जा रहा है, क्योंकि इसका लाभ आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णों को मिलने की बात कही जा रही है। मैं निजी तौर पर जातिगत आरक्षण का घोर विरोधी हूं और इसीलिए सवर्ण आरक्षण का भी, लेकिन इस आरक्षण का फैसला लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जरूर साबित करने की कोशिश की है कि सबका साथ सबका विकास सिर्फ चुनावी जुमला नहीं है।
वामपंथी शासन की नियति है तानाशाही
चीन ने शी जिनपिंग को ताउम्र राष्ट्रपति बने रहने का अधिकार दे दिया है। कहने को चीन में भी संविधान है, लोकतंत्र है। लेकिन, वहां के संविधान और लोकतंत्र की परिभाषा अलग है। माओ और डेंग के बाद अब शी जिनपिंग चीन के तानाशाह शासक हैं। भला हो, हिन्दुस्तान की जनता का कि बरसों पहले भारतीय वामपंथियों के चीन और सोवियत संघ की तरह सबको समानता का अधिकार देने के अनोखे फॉर्मूले को यहां लागू करने नहीं दिया। बल्कि, जैसे-जैसे समझ आता गया, वामपंथियों की तानाशाही को लोकतांत्रिक तरीके से खत्म किया गया।
30 पायदान की छलांग तो ठीक, लेकिन...
नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में एक बड़ा आर्थिक आंकड़ा सामने आया है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट जिसमें कहा गया है कि भारत में कारोबार शुरू करने के तय पैमाने पर भारत 30 पायदान उछलकर 100वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व रैंकिंग में 30 पायदान ऊपर पहुंचना छलांग लगाने जैसा ही है।