21 सरकारी बैंकों के साथ एक साल में 25,775 करोड़ की धोखाधड़ी : RTI
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि बीते वित्तीय वर्ष में बैंकिंग धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों के कारण बैंकों को कुल मिलाकर लगभग 25,775 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
इसे कुप्रबंधन ना कहें तो क्या कहें
डिजिटल होते इंडिया की ये अजब सी परेशानी है। सरकार विमुद्रीकरण के बाद लगातार अपनी पीठ थपथपा रही है। अब तक काले धन पर नकेल का राग अलापा जा रहा है। और इन सबके बीच बेचारी आम जनता फिर ऑटोमैटिक टेलर मशीन के सामने खाली हाथ लिए खड़ी है। अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रही है। सरकार कितने भी तर्क गढ़े लेकिन ये साफ हो गया है कि वर्तमान सरकार जितना चुनावों के प्रबंधन में माहिर है उतनी ही अपनी नीतियों को लागू कराने में नाकाम साबित हो रही है। इसे कुप्रबंधन ना कहा जाए तो और क्या कहा जाए?
बैंक खातों को आधार से जोड़ना अब RBI ने भी किया अनिवार्य
ऐसे समय में जब ग्राहक अपने सभी बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लिए भागदौड़ में जुटे हैं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया है कि बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि उसने इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं, बल्कि यह भारत सरकार का फैसला है।
रघुराम राजन ने मोदी सरकार की नीतियों पर उठाए कई सवाल
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अपनी किताब 'आइ डू, वॉट यू डू' की लांचिंग के लिए आजकल भारत के दौरे पर हैं। भारत के तीन शहरों में आयोजित अलग-अलग लांचिंग समारोह के दौरान रघुराम राजन ने लगातार कई चैनलों-अखबारों से बातचीत की है और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी बेबाक राय रखी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका, विकास दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.7 फीसदी पर पहुंची
मोदी सरकार के विकास के तमाम दावों के बीच मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की विकास दर घटकर केवल 5.7 फीसदी रह गई। एक साल पहले समान तिमाही में यह 10.7 प्रतिशत था। पिछले तीन साल की किसी भी तिमाही का यह सबसे बुरा प्रदर्शन है। इससे पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2017) में जीडीपी की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। 2016-17 की पहली तिमाही की संशोधित वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत थी।
नोटबंदी के आंकड़े से क्षुब्ध हो बोले चिदंबरम- फैसले पर RBI को शर्म आनी चाहिए
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ एक फीसदी प्रतिबंधित नोट वापस नहीं आ सके। आरबीआई के लिए तो यह शर्म की बात है।
आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट में जारी किए नोटबंदी के आंकड़े, 15.28 लाख करोड़ के नोट वापस लौटे
भारतीय रिजर्व बैंक ने वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 को जारी कर दिया है। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद मार्च 2017 तक की स्थिति की जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक नोटबंदी के दौरान बैन किए गए 1000 रुपये के पुराने नोटों में से करीब 99 फीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं।
नोटबंदी; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई फटकार, मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोट बदलने की तारीख को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट का कहना है कि लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए दोबारा मौका क्यों नहीं दिया गया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।
RBI और केन्द्र की बीच जाहिर हुए मतभेद, वित्त मंत्रालय के साथ बैठक को एमपीसी ने कहा ना
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केन्द्र सरकार के बीच दरार लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने एक बार फिर से सरकार और इंडस्ट्री की उम्मीदों के विपरीत नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यही नहीं आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने दरों पर फैसला लेने से पहले फाइनैंस मिनिस्ट्री की ओर से बुलाई गई मीटिंग में जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद गवर्नर उर्जित पटेल ने स्पष्ट किया कि स्वायत्ता को लेकर वो कोई समझौता नहीं कर सकते।