चार राज्यों में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आरक्षण पर मोहन भागवत के बयान से गरमाई सियासत
महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण के मुद्दे को एक बार हवा देते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि इसके पक्ष और विपक्ष के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।
फिर से राम मंदिर का मुद्दा
सरसंघचालक मोहन भागवत ने यह मांग कर के कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए शीघ्र कानून बनाए, असल में सरकार की दुखती रग को छेड़ दिया है। राम मंदिर बनाने का मुद्दा बहुत पुराना है और देश के लिए यह एक ऐसा सवाल बन गया है जिस पर हर दृष्टिकोण से विचार करने की जरूरत होती है। यह सिर्फ धार्मिक मामला नहीं है, यह सिर्फ सांप्रदायिक भी नहीं है, लेकिन कुल मिलाकर बातें ऐसे उलझ गई है कि उनको सुलझाने में न्यायपालिका को भी अच्छी खासी कसरत करनी पड़ेगी। यह मुद्दा भावनात्मक बन चुका है।
सरसंघचालक की न्याय से टूटी आस, कहा- राम मंदिर निर्माण को कानून लाए मोदी सरकार
राम मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र की मोदी सरकार से अपील की है कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। राम मंदिर का निर्माण स्वगौरव की दृष्टि से जरूरी है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण बनेगा।
सरसंघचालक मोहन भागवत ने माना; असली समस्या आरक्षण की राजनीति है, आरक्षण नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण' कार्यक्रम के आखिरी दिन मोहन भागवत ने लोगों के सवालों के जवाब दिए। इसी क्रम में आरक्षण पर मोहन भागवत ने कहा कि आरक्षण असली समस्या नहीं है, बल्कि असली समस्या तो आरक्षण की राजनीति है।
सरसंघचालक ने माना; आजादी के आंदोलन में कांग्रेस ने निभाई थी बड़ी भूमिका, दिए कई महापुरूष
सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस बात को स्वीकार किया है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी और भारत को अनेक महापुरुष दिए। 'भविष्य का भारत : आरएसएस दृष्टिकोण' नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए देश ने जो संघर्ष किया, उसकी वजह से देश को कई महान नेता मिले।
खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता मानता है RSS, लोग इस भाषा का जवाब देंगे : ओवैसी
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह आरएसएस की विचार पद्धति है जिसके तहत वे खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझते हैं। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषा शैली रही है। मुझे इस पर आश्चर्य नहीं है। लोग इस भाषा का जवाब देंगे।
सदियों की पीड़ा को खत्म करने के लिए भागवत ने हिन्दुओं से एकजुटता का किया आह्वान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दुनिया के हिन्दुओं से एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि हिन्दू न तो किसी का विरोध करते हैं और न ही वर्चस्व की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समुदाय को सदियों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए संगठित होने की जरूरत है।
सरसंघचालक बोले- संघ जो है वही रहेगा, प्रणब मुखर्जी जो हैं वही रहेंगे तो फिर हंगामा किस बात का
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उठे विवाद के बीच सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि ये बिना मतलब की बहस है। प्रणब मुखर्जी के भाषण से ठीक पहले अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद मुखर्जी भी वही बने रहेंगे जो वो हैं और संघ भी वही बना रहेगा जो वो है।
प्रणब ने संघियों को पिलाई राष्ट्रवाद की घुट्टी, कहा- 'वसुधैव कुटुम्बकम्' तथा 'सर्वे भवन्तु सुखिन' जैसे विचारों पर आधारित है हमारा राष्ट्रवाद
खुद को प्रखर राष्ट्रवादी कहने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक समेत सैकड़ों आरएसएस कार्यकर्ताओं को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुम्बकम तथा सर्वे भवन्तु सुखिन: जैसे विचारों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा बहुलतावाद एवं सहिष्णुता में बसती है।
सरसंघचालक ने देश को किया आगाह, कहा- राम मंदिर नहीं बना तो हम अपनी जड़ों से कट जाएंगे
डॉ. मोहन भागवत ने देश को आगाह करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, अयोध्या में अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो हम अपनी संस्कृति की जड़ों से कट जाएंगे। भागवत ने यह बात सोमवार को मुंबई के नजदीक पालघर स्थित दहाणु में विराट हिंदू सम्मेलन में व्यक्त किये।