सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा तय कर रखी है और अगर यह आंकड़ा 50 फीसदी को पार करता है तो निश्चित तौर पर मामला ज्यूडिशियल स्क्रूटनी के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने आएगा और फिर स्क्रूटनी में ऐसे फैसले का टिकना थोड़ा मुश्किल होगा। सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले में कहा गया है कि आरक्षण 50 फीसदी की सीमा को लांघ नहीं सकती है।