कमलनाथ बने मप्र. के 18वें मुख्यमंत्री, शपथग्रहण समारोह में राहुल के साथ दिखे 10 दलों के नेता
कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दोपहर 2:30 बजे उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के अलावा 10 अन्य दलों के नेता मौजूद रहे। समारोह की खास बात यह रही कि मंच पर प्रदेश के चार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, दिग्विजय सिंह और कैलाश जोशी मौजूद थे।
स्कूलों की गुणवत्ता पर बात कब?
देश के दो राज्यों से ऐसी खबर आईं जो स्कूलों की बदहाल तस्वीर को पेश करती हैं। एक देश का हृदय है तो दूसरे को धान का कटोरा कहा जाता है। यानी एक मध्यप्रदेश तो दूसरा उसका पड़ोसी छत्तीसगढ़। और दोनों ही सूबों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। सरकारी विद्यालयों के हालात बेहद खतरनाक और सोचनीय है। तभी तो जब सरकारों ने नहीं सुनी तो भुक्तभोगियों ने सत्ता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचाने का काम अपने हाथों में उठा लिया। लेकिन सवाल उठता है कि शिक्षा के अधिकार के बावजूद कब तक मूलभूत सुविधाओं से महरूम रहेंगे हमारे सरकारी विद्यालय? और सरकारें कब तक खामोश तमाशा देखती रहेंगी या फिर इंतजार करेंगी- तब तक, जब तक चुनाव नहीं आता।
किसान आंदोलन और अलग-थलग पड़ते शिवराज
किसानों के आक्रोश की गर्मी से पूरा मध्यप्रदेश तप रहा है। तपिश का असर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार तक साफ नुमाया है। किसान पुत्र मुख्यमंत्री प्रदेश में बेकाबू हालात को काबू में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर तो रहे हैं लेकिन सारी कवायद सफल होने के बजाय हांफती दिख रही है। शिवराज के संकट मोचक इस बार सक्रिय भूमिका में न होकर मुख्यमंत्री से कटे-कटे नज़र आ रहे हैं।