डाटा का खेल : बड़े धोखे हैं इस राह में
डाटा हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। जाहिर है हमारी तमाम आर्थिक जानकारी, संपर्क सूत्र, बॉयोमेट्रिक पहचान, घर और दफ्तर का पता, हमारी दैनिक गतिविधियों पर कुछ खास संस्थानों की नजर होंगी। हाल में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं जिनमें कहा गया कि गूगल पर मेरा आधार, मेरी पहचान सर्च करने पर कथित तौर पर आधार की पीडीएफ फाइल उपलब्ध हो जाती है।
बिना आधार के भी मिलेंगी सभी जरूरी सेवाएं : यूआईडीएआई
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का कहना है कि आधार संख्या नहीं होने पर भी आवश्यक सेवाओं का लाभ देने से मना नहीं किया जा सकता है। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में प्रवेश और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने जैसी जरूरी सेवाएं शामिल हैं।
'द ट्रिब्यून' की पत्रकार ने खोली आधार की पोल तो दर्ज हुई FIR
अंग्रेजी दैनिक द ट्रिब्यून की पत्रकार हैं रचना खैरा। उन्होंने वाट्स एप के जरिए आधार की धांधली को उजागर करने की हिम्मत दिखाई। उन्होंने अपनी खोज के आधार पर बताया कि किस तरह महज 500 रुपए में बेहद संवेदनशील और निजी डेटा को लीक किया जा रहा है। अब इन्हीं पत्रकार के खिलाफ यूआईडीएआई के डायरेक्टर FIR दर्ज कराई गई है।
'210 सरकारी वेबसाइटों ने आधार से जुड़ी जानकारियां कीं सार्वजनिक'
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की 200 से अधिक वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते सार्वजनिक कर दी हैं। आधार नंबर जारी करने वाली संस्था ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां हटवा दी हैं।