लगभग पांच सदी से चल रहे एक बड़े और बहुप्रतीक्षित विवाद का अंततः सुखद और संतोषप्रद समाधान प्राप्त हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग अब सम्पूर्ण अवरोधों से मुक्त हो चुका है। मैं इसके लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदरपूर्वक आभार ज्ञापित करता हूँ।