इमरान खान ने ली पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म पद की शपथ, सिद्धू ने की शिरकत लेकिन इस बात पर बढ़ा विवाद
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान ने शपथ ले ली है। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के वो पहले शख्स हैं जिन्हें वजीर-ए-आजम का तख्त मिला है। उन्होंने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। शुक्रवार को नेशनल असेंबली ने उन्हें अपना प्रधानमंत्री चुना था। इमरान के शपथ समारोह में उनकी बेगम बुशरा भी शामिल हुईं। इस बीच उनके पुराने दिनों के साथी और क्रिकेटर दोस्त नवजोत सिंह सिद्धू की एक तस्वीर ने भी देश में विवाद खड़ा कर दिया है।
शपथ ग्रहण समारोह में उनके क्रिकेटर साथी और फिलहाल कांग्रेस के सदस्य नवजोत सिंह सिद्धू में शामिल हुए। यहां से कुछ तस्वीरें निकल कर सामने आईं जहां वो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति (सदर) मसूद खान की बगल में बैठे दिख रहें हैं। अब उनकी इसी तस्वीर ने विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत मान्यता नहीं देता।कांग्रेस के ही जम्मू-कश्मीर ईकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने भी हैरानी जाहिर की है। उन्होंने कहा है- वो एक जिम्मेदार नेता और मंत्री हैं। इस स्थिति से वो बच सकते थे। इसका जवाब वो खुद ही दे सकते हैं।
इससे पहले सिद्धू को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से हाथ मिलाते और गले मिलते भी देखा गया। इस पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा- सिद्धू और कांग्रेस को देश से माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि सिद्धू ने पाकिस्तान जाने के लिए पार्टी की मंजूरी ली थी या नहीं?
नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा वसीम अकरम, एक्टर जावेद शेख, पंजाब के नामित गवर्नर चौधरी सरवर, पंजाब असेंबली के स्पीकर परवेज इलाही, रमीज राजा और पीटीआइ नेताओं के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे। साथ ही, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जुबैर महमूद हयात और चीफ ऑफ एयर स्टाफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहे।
बता दें कि शुक्रवार को नेशनल असेंबली ने इमरान खान को प्रधानमंत्री के रूप में चुना। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के चेयरमैन 65 वर्षीय इमरान खान को 176 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शाहबाज को मात्र 96 वोट मिले।इमरान ने भले ही विदेश में पढ़ाई की हो और क्रिकेट करियर के दौरान उनकी छवि प्लेबॉय की हो, लेकिन राजनीति में वह कट्टर छवि के समर्थक माने जाते हैं। इमरान के पाकिस्तान के नए पीएम के तौर पर भारत के साथ संबंध और पाकिस्तान की चुनौतियों से निपटने पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। (विभिन्न समाचार माध्यमों से साभार)