सुशील कोइराला बने नेपाल के नए प्रधानमंत्री
सत्ता विमर्श ब्यूरो/एजेंसियां
काठमांडू/नई दिल्ली : नेपाली कांग्रेस के दिग्गज नेता सुशील कोइराला को सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से नेपाल का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया। उनके प्रधानमंत्री बनने के साथ ही देश में पिछले साल हुए चुनावों के बाद महीनों से जारी राजनीतिक अस्थिरता खत्म हो गयी। प्रधानमंत्री की दौर में कोइराला एकमात्र उम्मीदवार थे। उन्हें 601 सदस्यों वाली संविधान सभा में 405 मत हासिल हुए। यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल और माओवादी नीत गठबंधन की कुछ छोटी पार्टियों के कुल 148 सांसदों ने 75 वर्षीय कोइराला के खिलाफ मत दिए। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुशील कोइराला को उनके प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है।
मतदान के बाद लोकसभा अध्यक्ष सूर्यबहादुर थापा ने कोइराला के बहुमत हासिल करने की घोषणा की। पिछले साल 19 नवंबर को हुए संविधान सभा के चुनाव स्पष्ट जीत सुनिश्चित करने में नाकाम रहे थे। सीपीएन यूएमएल और नेपाली कांग्रेस के बीच छह बिन्दुओं पर समझौता होने के बाद सीपीएन यूएमएल की स्थाई समिति ने शीर्ष पद के लिए कोइराला का समर्थन करने का फैसला किया। नेपाली कांग्रेस के प्रमुख कोइराला और सीपीएन यूएमएल के प्रमुख झालानाथ खनल के बीच रविवार को समझौता हुआ। सूत्रों के अनुसार, संविधान सभा की दो सबसे बड़ी पार्टियां नेपाली कांग्रेस और सीपीएन यूएमएल के बीच सत्ता साझेदारी के मुद्दे पर कई दौर की वार्ता के बाद समझौता हुआ।
कोइराला ने रविवार को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नामांकन भरा जिसे पार्टी उपाध्यक्ष राम चंद्र पौडियाल ने पेश किया और इसका सीपीएन यूएमएल की संसदीय दल के नेता केपी शर्मा ओली ने समर्थन किया। नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता दिलेंद्र बादू ने कहा कि छह बिन्दु समझौते के तहत, दोनों दल एक साल के भीतर नया संविधान बनाने और संविधान सभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सभापति के पदों पर चुनाव कराने पर सहमत हुए हैं। नेपाली कांग्रेस की 601 सदस्यीय संविधान सभा में 194 सीटें हैं जबकि सीपीएन यूएमएल की 173 सीटें हैं। सीपीएन यूएमएल के समर्थन के साथ कोइराला आसानी से बहुमत हासिल कर सकते हैं।