किम जोंग-उन और मून जे-इन की मुलाकात ने अंतर कोरियाई संबंधों में रचा नया इतिहास
सियोल : उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने शुक्रवार को अंतर कोरियाई सम्मेलन का आयोजन कर इतिहास रच दिया और इसे कोरियाई संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत कहा। किम जोंग उन और मून जे इन के सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में मिलने के बाद यह सम्मेलन शुरू हुआ। इस दौरान किम जोंग ने मून से कहा, आपसे मिलकर खुशी हुई। मैं यहां इस तरह के ऐतिहासिक स्थान पर मिलकर अपनी उत्सुकता नहीं रोक सकता। यह बहुत ही भावुक है कि आप एक राष्ट्रपति के रूप में यहां पनमुनजोम में मेरे स्वागत के लिए आए। इस दौरान किम जोंग ने मून जे इन को उत्तर कोरियाई सीमा की तरफ आने का न्यौता देते हुए सभी को हैरान कर दिया।
कड़ी सुरक्षा घेरे में रहे किम जोंग-उन
उत्तर कोरिया के तानाशाह नेता किम जोंग-उन जब सीमा रेखा के पास साउथ कोरिया के राष्ट्रपति से ऐतिहासिक मुलाकात के लिए पहुंचे तो सुरक्षा घेरा इस कदर मजबूत था कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। सबसे मजबूत सुरक्षा घेरे में रहने वाले दुनिया के कुछ बड़े नेताओं में किम का नाम भी शामिल है। उनकी सुरक्षा करने वाले कमांडो विशेष तौर पर प्रशिक्षित और मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट हैं। दोनों देशों को बांटने वाली सीमा रेखा के पास पहले से ही कड़ा सुरक्षा पहरा था पर जैसे ही किम वहां पहुंचे उनके कमांडोज ने उन्हें घेर लिया। वह जहां भी गए, यह अभेद्य कमांडो दस्ता साये की तरह उनके साथ रहा। गाड़ी के साथ कमांडोज लगातार दौड़ रहे थे।
दोनों नेताओं ने सीमा रेखा के पास एक पाइन ट्री लगाया। इससे पहले ही किम के कमांडो ने उस जगह का जायजा ले लिया था और पर्याप्त सुरक्षा को लेकर आश्वस्त होने के बाद ही किम वहां ट्री लगाने पहुंचे। यहां एक पत्थर लगाया गया जिस पर नेताओं के नाम के साथ लिखा था, 'शांति और खुशहाली का रोपण'। कोरियाई मीडिया के मुताबिक इन अंगरक्षकों का चयन उनकी फिटनेस, निशानेबाजी, मार्शल आर्ट के कौशल और उनकी वेशभूषा के आधार पर किया गया था। सैन्य सीमा रेखा पर साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से मुलाकात के समय किम को घेरकर खड़े अंगरक्षकों ने सूट और नीली एवं सफेद लाइनों वाली टाई पहनी हुई थी। किम की सुरक्षा को लेकर उत्तर कोरिया के सुरक्षा अधिकारी कितने सतर्क थे, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पीस हाउस में विजिटर बुक पर हस्ताक्षर करने के लिए जिस सीट पर किम को बैठना था, उनके कमांडोज ने उसके आसपास सैनिटाइजर का छिड़काव किया था ताकि छोटे कीटों से भी उनकी रक्षा की जा सके।
दोनों नेताओं के बीच वार्ता किम जोंग के एमडीएल पार करने के लगभग 45 मिनट बाद सुबह 10.15 बजे शुरू हुई। वह 1950-1953 का कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले नेता बन गए हैं। किम जोंग ने बैठक की शुरुआत में कहा, मैं यह राष्ट्रपति मून और यहां मौजूद कई पत्रकारों के सामने कहता हूं कि मैं राष्ट्रपति मून के साथ ईमानदारी से भरे दृष्टिकोण के साथ सार्थक बातचीत करूंगा, जिसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
मून जे इन ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए सहमत होने पर किम जोंग का आभार जताया। मून ने कहा, जिस समय किम जोंग ने सैन्य सीमा रेखा पार की, पनमुनजोम शांति का प्रतीक बन गया। मैं एक बार फ्रि किम जोंग उन के आज की इस संभावित चर्चा के फैसले के लिए उनके प्रति सम्मान जताता हूं। कोरियाई देशों के बीच तनाव भरे संबंधों के बीच यह सम्मेलन हो रहा है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने मई 2017 में मून जे इन के दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बनने के बाद से लगभग दर्जनभर मिसाइलों का परीक्षण किया है जबकि सितंबर 2017 में अपना छठा और सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण भी किया। दोनों देशों के नेताओं के बीच शुक्रवार को हो रहा यह सम्मेलन तीसरा अंतर कोरियाई सम्मेलन है जबकि पहला सम्मेलन है, जो दक्षिण कोरिया में हो रहा है। (एजेंसियां)