जिनपिंग ताउम्र रहेंगे चीनी राष्ट्रपति, विधायिका में बड़ा बदलाव
नई दिल्ली: शी जिनपिंग जो चाहते थे आखिरकार वही हुआ। वो जब तक जिंदा रहेंगे तब तक चीन के राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। चीनी विधायिका ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटा दिया है। असेंबली में कानून पास होने के बाद जिनपिंग के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना( सीपीसी) की ओर से प्रस्तावित संविधान संशोधन को पारित होने की बात पहले से तय मानी जा रही थी। आखिरकार वैसा हुआ भी। रविवार को इस संविधान संसद को संसद से मंजूरी मिल गई।
इस समय शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल चल रहा है। दूसरा कार्यकाल 2023 में पूरा होगा। संसद के सालाना सत्र से पहले कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की सीमा को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। जिससे मतदान के बाद मंजूरी दी गई। चीन में तानाशाही की स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए पिछले दो दशक से राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा तय की गई। इसका पालन होता रहा। मगर शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनने के बाद से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी की थी।
आखिरकार पार्टी के प्रस्ताव को संसद में मंजूरी मिल गई। करीब तीन हजार सदस्यों वाली संसद ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस’ अक्सर पार्टी के सभी प्रस्तावों के आगे घुटने टेक देती है, इस नाते इसे रबर स्टांप संसद भी कहा जाता है।शी जिनपिंग का चीन की राजनीत में क्या रुतबा है, इसका पता इसी बात से चलता है कि चीनी संविधान में शी को चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता और संस्थापक माओत्से तुंग के बराबर दर्जा दिया गया है। 2012 में चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद से शी का दबदबा बढ़ता गया। (विभिन्न समाचार एजेंसियों और माध्यमों से साभार)