दागदार हुआ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा का कुर्ता
सत्ता विमर्श ब्यूरो
भोपाल: भोपाल स्थित एम्स का निरीक्षण करने पहुंचे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कुर्ता दागदार हो गया। इसकी वजह वो स्याही रही जिसे नाराज मेडिकल छात्रों ने विरोधस्वरूप नड्डा पर फेंकी थी। छात्र भोपाल में एम्स में नाकाफी सुविधाओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, अब तक स्याही फेंकने वाले छात्रों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस स्याही कांड के बाद मेडिकल छात्रों ने नड्डा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
छात्रों का दावा है कि पिछले चार सालों में कैंपस पूरी तरह से विकसित नहीं हो सका है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब नड्डा कैंपस से बाहर जाने के लिए अपनी कार की तरफ बढ़े, तब विरोध कर रहे छात्रों ने उनसे बात करने की कोशिश की और उनमें से एक ने मंत्री ने सफेद कुर्ते पर स्याही फेंक दी।
नड्डा भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में वार्डो के लोकार्पण और सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे थे। उन्हें एम्स के छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसी छात्र ने उन पर स्याही फेंक दी, जिसके छींटे उनके कपड़ों व कार पर पड़े। उनके चालक ने कार को तेजी से आगे बढ़ा दिया, जिससे वहां खड़ी एमबीबीएम तृतीय वर्ष दो छात्राओं अंजलि व लिज्हा के पैर में चोट आई। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है और दावा कर रही है कि छात्राओं के पैर में चोट मंत्री की कार से नहीं लगी, बल्कि एक पाइप से लगी। जिसकी तस्दीक उन लड़कियों ने लिखित में पुलिस को दी है।
छात्र नाराज हैं क्योंकि एम्स भोपाल में सुविधाऔं का अभाव है और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ही वो मंत्री से चर्चा करना चाहते थे, क्योंकि संस्थान अपने स्तर के अनुरूप नहीं चल रहा है। मेडिकोज का कहना है कि यहां मरीजों के इलाज के लिए जरूरी न्यूनतम सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, एम्स भोपाल का स्थाई निदेशक भी नहीं है। एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नीतिन नागरकर फिलहाल प्रभारी हैं, लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो पाता है।
प्रेम ने कहा, हम एम्स भोपाल में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मंत्री से चर्चा करना चाहते थे, क्योंकि संस्थान अपने स्तर के अनुरूप नहीं चल रहा है। यहां मरीजों के इलाज के लिए जरूरी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। एम्स भोपाल का स्थाई निदेशक भी नहीं है। एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नीतिन नागरकर फिलहाल प्रभारी हैं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।