जेएनयू में छात्रों का आंदोलन खत्म, 24 घंटे बाद मुक्त हुए वीसी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: जेएनयू में बुधवार दोपहर शुरू हुआ बंधक संकट गुरुवार को खत्म हो गया। करीब 24 घंटे कैम्पस के एडमिन ब्लॉक में बंद रहे वीसी जगदीश कुमार और दूसरे अधिकारी बाहर निकल पाये। दरअसल, नजीब अहमद नाम के छात्र के 5 दिनों तक लापता रहने के बाद जेएनयू के आंदोलनरत छात्रों ने वीसी को कुछ अधिकारियों समेत कैद कर लिया था। इस बीच गुस्साए छात्रों ने गृहमंत्री के आवास को घेरने की धमकी भी दी है।
उधर जेएनयू वीसी जगदीश कुमार के बाहर निकलते ही छात्र संघ अध्यक्ष मोहित पांडे को छात्रों ने घेर लिया। इन छात्रों का कहना था कि वीसी और अधिकारियों को क्यों निकल जाने दिया गया। मोहित पांडे के खिलाफ वीसी की दलाली बंद करो जैसे नारे भी लगाए गए। इन छात्रों का कहना था कि आरोपियों को सस्पेंड नहीं किया गया तो होम मिनिस्टर का आवास घेरा जाएगा। हम बता देंगे कि हम वीसी को भी नहीं छोड़ेंगे और होम मिनिस्टर को भी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने वीसी पर आरोप लगाया है कि वो अपने आकाओं के कहने पर काम कर रहे हैं।
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में पढ़नेवाले छात्र नजीब अहमद के लापता होने पर हंगामा मचा हुआ था। 5 अक्टूबर को नजीब और कुछ छात्रों में झगड़ा हुआ था। आरोप के मुताबिक एबीवीपी के छात्रों ने कुछ बाहरी लोगों के साथ मिलकर नजीब के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि उसी के बाद से छात्र नजीब गायब है। हालांकि एबीवीपी इन आरोपों से इनकार कर रही है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा से बात की है। दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नजीब को पता बताने वाले के लिए 50 हजार के इनाम का भी ऐलान किया है।
वीसी ने कहा- तरीका अलोकतांत्रिक
इससे पहले वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर छात्र से वापस लौटने की अपील की। वीसी ने कहा कि पिछले 21 घंटे (सुबह साढ़े 11 बजे का बयान) से हमें बंधक बनाकर रखा गया है। मेरे साथ बीमार लोगों को भी बंधक बनाया गया है। कुछ छात्र हमारी बात मानने को तैयार हैं। छात्र नहीं माने तो एक्शन लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने छात्रों से बहुत बार बात की और कहा कि नजीब अहमद को ढूंढ़ने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस को भी कई खत लिख चुके हैं। हमारे लोग लगातार पुलिस के संपर्क में हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। हम लोग नजीब अहमद से अपील करते हैं कि वह लौट आएं और अपनी पढ़ाई पूरी करें।
वाइस चांसलर ने कहा कि ये बहुत ही अलोकतांत्रिक काम है। जिन अधिकारियों को यहां कैद किया गया है, उन्होंने कल से कुछ खाया नहीं और लोग फ्लोर पर सोने के लिए मजबूर हैं। हम लोगों ने छात्र को खोजने के लिए जांच बैठा दी है। कल करवाचौथ का फास्ट था और हमारे दो अफसरों की पत्नी आई थीं, पर उनको भी इमारत में आने नहीं दिया गया। अगर बातचीत बेकार जाती है तो पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी।
रिजिजु की नसीहत
बंधक संकट के बीच गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजु ने कहा था कि जेएनयू में कुछ लोग पढ़ाई करने नहीं, बल्कि राजनीति करने आते हैं, जिससे जेएनयू बदनाम होता है। उन्होंने कहा कि बेहतर है कि छात्र पढ़ाई पर ध्यान दें और कानून के दायरे में रहकर काम करें। पुलिस कार्रवाई तो बाद की बात है, जो कानूनी प्रक्रिया है उसके तहत काम किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के अंदर अपने नियम कानून होते हैं तो उसके हिसाब से काम और कार्रवाई होगी।
राजनाथ ने किया पुलिस को तलब
इस पूरे मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने खुद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की है। दिल्ली पुलिस ने भी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए छात्र का पता बताने वाले के लिए 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। पुलिस ने नजीब अहमद को ढूंढ़ने के लिए बाकायदा पोस्टर भी लगाए हैं।