गुंडागर्दी के खिलाफ 'बोल की लब आजाद हैं तेरे'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खिलाफ लामबंद होकर आज दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों ने मार्च निकाला है। शायर फैज़ के लिखे 'बोल की लब आजाद हैं तेरे' की तख्तियां हाथ में लेकर अपील की कि उन्हें गुंडागर्दी से आजादी दिला दी जाए। इस विरोध मार्च में दिल्ली विश्वविद्यालय समेत जेएनयू के करीब 800 छात्रों के शामिल होने की खबर है।
गौरतलब है कि ABVP ने सोमवार को तिरंगा यात्रा निकाली थी जिसके एक दिन बाद लेफ्ट से जुड़े छात्र संगठनों ने इस विरोध मार्च को शुरु किया। दूसरी ओर एनएसयूआई के कार्यकर्ता एक दिन के भूख हड़ताल पर है। प्रदर्शन के मद्देनजर विश्विद्यालय कैंपस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीताराम येचुरी और कई अन्य वाम नेता भी दिल्ली यूनिवर्सिटी में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। एबीवीपी विरोधी मार्च में लेडी श्रीराम कॉलेज, रामजस कॉलेज, सेंट स्टीफन्स के छात्र और शिक्षकों का दल भी भाग ले रहा है।
विरोध में शामिल छात्रों का कहना है कि ये दक्षिण या वामपंथ की लड़ाई नहीं है बल्कि उस हिंसा के खिलाफ है जिसे एबीवीपी की शय मिली है। जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद के मुताबिक उन्हें खुशी है कि सब हिंसा के खिलाफ एकजुट हैं।
दरअसल, सारा विवाद कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट कार्यक्रम में जेएनयू छात्र उमर खालिद को रोकने के लिए एबीवीपी के विरोध से शुरु हुआ। रामजस कॉलेज के सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाया गया था। इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ और करीब 20 छात्र घायल हो गए थे। उमर खालिद राजद्रोह के मामले में आरोपी हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी विरोध का दौर चला, जिससे मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है। इस मसले पर राजनीतिक पार्टियां भी अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहीं हैं।
इस बीच, डीयू विवाद में एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन चला रही गुरमेहर कौर ने कैंपेन से खुद को अलग कर लिया है। गुरमेहर ने ट्वीट कर कहा कि मैं कैंपेन से अपना नाम वापस लेती हूं। मुझे जो कहना था मैंने कह दिया अब मुझे अकेले छोड़ दो।