सुप्रीम कोर्ट ने IIT-JEE काउंसलिंग और दाखिले पर लगी रोक हटाई
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी और एनआईटी में होने वाले दाखिले और काउंसलिंग को लेकर एक अहम फैसले में ग्रेस मार्क्स को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। कोर्ट ने इसी के साथ दाखिले से जुड़ी प्रक्रियाओं पर लगी रोक को भी हटा दिया है। मालूम हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बोनस अंक देने के विवाद पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को आईआईटी और एनआईटी में होने वाली काउंसलिंग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से इन संस्थानों में दाखिला ले चुके 23,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था। कोर्ट ने आईआईटी में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को स्वीकार करने पर भी सभी उच्च न्यायालयों पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक बोनस अंक देने की वैधता के बारे में फैसला नहीं होता तब तक दाखिला ले चुके छात्रों का भविष्य तय नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं और आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक लिस्ट तथा परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यथिर्यों को अतिरिक्त अंक देने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की जानकारी मांगी थी। आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक सूची रद्द करने संबंधी अर्जी पर न्यायालय ने 30 जून को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। आईआईटी में दाखिले की इच्छुक ऐश्वर्या अग्रवाल ने न्यायालय से इस पर निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि जेईई (एडवांस) 2017 में शामिल विद्यार्थियों को बोनस अंक देने का फैसला उसके और अन्य छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है।
पिछली सुनवाई में आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और संस्थान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। दरअसल आईआईटी ने कैमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए तीन ग्रेस अंक और गणित के एक गलत सवाल के लिए चार ग्रेस अंक दिए हैं जो सभी को दिए गए हैं। तमिलनाडू के वेल्लोर इलाके के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस अंक को चुनौती दी और मांग की है कि मेरिट लिस्ट फिर से तैयार की जाए।
याचिका में कहा गया है कि आईआईटी ने उन छात्रों को भी ग्रेस अंक दिए हैं जिन्होंने उन सवालों को हल करने का प्रयास ही नहीं किया जबकि ग्रेस अंक सिर्फ उन्हें मिलने चाहिए जिन्होंने इन सवालों को छोडने की बजाए हल करने की कोशिश की। छात्र के मुताबिक इस ग्रेस अंकों की वजह से मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई है और बहुत छात्रों को फर्क पड़ा है। इसलिए दोबारा से मेरिट लिस्ट तैयार की जाए।