3000 कंडोम ढूंढ ले रहे हैं, एक लापता छात्र नहीं : कन्हैया कुमार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें वो केन्द्र की मोदी सरकार की खिलाफत और मुखर हो कर रहें हैं। NDTV का कार्यक्रम है जिसमें जवाब सवाल का लम्बा दौर चला है। इसमें ही हमारी सियासी जमात पर उन्होंने हमला किया है। नेताओं की मंशा और उनकी सोच पर हमला बोला है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा-कि MLA साहब को कहीं से रिपोर्ट मिली की JNU से 3000 कंडोम इस्तेमाल होता है...मतलब कंडोम तक ढूंढ लिए जाते हैं लेकिन कई दिनों से लापता छात्र का पता नहीं लग पा रहा है। कन्हैया ने बेबाकी से बेझिझक अपनी बात शिद्दत से रखी है।
देश के खिलाफ नहीं बोलता JNU
कन्हैया ने उन आरोपों का भी खण्डन किया जिसमें उनके हस्ताक्षरित पर्चे बंटवाने को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने खुद को और जेएनयू को देशद्रोही बताए जाने का भी विरोध किया। कहा- हम बोलते वहीं हैं जो देश के हित में है। सवाल अफजल गुरु को लेकर उठते हैं, तो हमने कभी उसको शहीद नहीं कहा लेकिन अंतिम संस्कार के अधिकार को लेकर जरूर कहा। उसके परिवार को अंतिम संस्कार का अधिकार नहीं दिया गया सवाल इस पर उठाया । फांसी पर सवाल उठाया क्योंकि ये फ्यूडल दौर की देन है... एक निर्दोष की जान अगर जाए क्या ये सही है? हाल ही में 23 साल के बाद एक शख्स रिहा किया गया। क्या ये सही था। हमने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाये जिसका अधिकार हमें संविधान देता हैं। मैं मानता हूं कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए क्रिटिसिज्म जरूरी है।
पूछता हूं- जिहादी हैं क्या?
कन्हैया ने जेएनयू को जानबूझकर निशाना बनाया जाने को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि JNU को पहली बार निशाना नहीं बनाया जा रहा। इससे पहले सुब्रहम्ण्यम स्वामी इसे जिहादियों का अड्डा बता चुके हैं। कई बार हम आईने के सामने जाते हैं और पूछते हैं- हम जिहादी हैं क्या?
JNU में खूबियां भी हैं
जेएनयू की खूबियों के बारे में भी कन्हैया ने कहा है। उन्होंने कहा है- कोई ये नहीं बताता कि जितने भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शैक्षिक कार्यक्रम होते हैं उन्हें जेएनयू में आयोजित कराया जाता है। किसी ने नहीं बताया कि सेना के नेशनल डिफेंस एकेडमी को सर्टिफिकेट भी जेएनयू से ही जाता है। जेएनयू में लड़के-लड़की एक ही होस्टल में रहते हैं और दोनों में बराबरी का एहसास होता है...इंसान होने का। अगर फीस कम ना होती तो क्या मैं पढ़ पाता।
अफजल के पक्षकारों की गोद में बैठकर बनाई सरकार
इस युवा नेता ने तथाकथित राष्ट्रवादियों को लेकर भी गुबार निकाला है। कहा है- अफजल गुरू को शहीद मैंने कभी नहीं कहा। जो लोग अफजल को शहीद मानते हैं उन्हीं की गोद में बैठकर तथाकथित राष्ट्रवादियों ने कश्मीर में सरकार बनाई।
मोदी जी आपकी बदतमीजी नहीं बर्दाश्त होगी
कन्हैया ने इंदिरा गांधी के आपातकाल को याद किया और जोर देकर कहा कि जेएनयू ही वो है जहां से ज्यादतियों के खिलाफ आवाज उठती है। कहा- आखिर क्यों जेएनयू को टारगेट किया जा रहा है। क्योंकि देश में कहीं से भी संगठित विरोध की बात आती है तो सिर्फ जेएनयू से आती है। इंदिरा गांधी के खिलाफ भी आवाज उठी और 9 लाख के सूट पहने मोदी जी के खिलाफ उंगली प्वाइंट आउट कह कर कहते हैं-आपकी बदतमीजी नहीं बर्दाश्त होगी। ये ताकत जेएनयू देता है।
जेएनयू पर हमला देश पर हमला
कन्हैया ने जेएनयू पर हो रहे हमले को दरअसल देश पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा- ये लोग हमें कमजोर करना चाहते हैं। क्योंकि जेएनयू को कमजोर करने का मतलब है सेंस ऑफ इक्वैलिटी, सेंस ऑफ जस्टिस और देश के लोकतंत्र...इस देश की प्रस्तावना को कमजोर करना है। यानी जेएनयू पर हमला दरअसल देश पर हमला है।
सबूत हैं तो चार्जशीट दायर करे सरकार
कन्हैया ने राष्ट्रवाद, अपने खिलाफ दायर मुकदमें पर भी राय रखी। कहा- महीनों हो गए हैं कोई चार्जशीट नहीं दाखिल की। अगर सबूत है तो दायर करें। इसके साथ ही कन्हैया ने भारत माता के अनेकता में एकता के सूत्र को समझाया है और साथ ही अपील की है कि देश का युवा तर्क करना ना छोड़े।
Save India मुहिम के अगुवा
दरअसल, AIYF-AISF के संयुक्त प्रयास से कन्याकुमारी से पंजाब तक save india, change India के नारे से लबरेज एक लम्बी यात्रा निकाली जा रही है। इसी कार्यक्रम के अगुवा हैं कन्हैया कुमार। इसी सिलसिले में सवाल जवाबों का दौर चल रहा है और वो अपनी मुहिम को आगे बढ़ा रहें हैं।