देश के आठ प्रमुख आईआईटी में शिक्षकों के 36 फीसदी पद खाली : आरटीआई
सत्ता विमर्श ब्यूरो
इंदौर : देश के आठ प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में दाखिला पाने वाले करीब 66,000 छात्र शिक्षकों के अभाव से जूझ रहे हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि देश के इन शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में औसतन शिक्षकों के लगभग 36 प्रतिशत स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। शिक्षकों की कमी के मामले में सबसे गंभीर स्थिति वाराणसी स्थित आईआईटी बीएचयू की है, जहां अलग-अलग पाठ्यक्रमों में 5,485 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इस प्रतिष्ठित संस्थान में 548 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 265 शिक्षक काम कर रहे हैं। बीएचयू में शिक्षकों के 283 पद खाली पड़े हैं और यह आंकड़ा स्वीकृत पदों के मुकाबले करीब 52 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। जबकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी के जवाब में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने उन्हें 26 नवंबर को भेजे पत्र में उक्त जानकारी दी है। आरटीआई के तहत दिए गए आंकड़े बताते हैं कि मुंबई (बॉम्बे), दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, चेन्नई (मद्रास), रूड़की और वाराणसी स्थित आईआईटी में फिलहाल 65,824 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन आईआईटी में पढ़ा रहे शिक्षकों की संख्या 4,049 है, जबकि इनमें फैकल्टी (टीचर्स) के कुल 6,318 पद स्वीकृत हैं। इस हिसाब से 2,269 पद खाली रहने के कारण इन संस्थानों में करीब 36 प्रतिशत शिक्षकों की कमी है। औसत आधार पर इन आठ संस्थानों में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात 16:1 है। यानी यहां हर 16 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक नियुक्त है।
आरटीआई के तहत मिले आंकड़ों के मुताबिक स्वीकृत पदों के मुकाबले शिक्षकों की कमी आईआईटी बीएचयू में 52 प्रतिशत, आईआईटी खड़गपुर में 46 प्रतिशत, आईआईटी रूड़की में 42 प्रतिशत, आईआईटी कानपुर में 37 प्रतिशत, आईआईटी दिल्ली में 29 प्रतिशत, आईआईटी मद्रास में 28 प्रतिशत, आईआईटी बॉम्बे में 27 प्रतिशत और आईआईटी गुवाहाटी में 25 प्रतिशत के स्तर पर है।
देश में आईआईटी की तादाद अब बढ़कर 23 पर पहुंच चुकी है। ऐसे में यह बात बेहद चिंतित करने वाली है कि आठ प्रमुख आईआईटी शिक्षकों की कमी से अब तक जूझ रहे हैं। जब इन संस्थानों में यह हाल है, तो इस सिलसिले में नए आईआईटी की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।