हमले के बाद JNU के पूर्व नेता उमर खालिद ने कहा- ये BJP प्रवक्ताओं और टीवी एंकर्स की देन है...
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: देशद्रोह का आरोप झेल चुके जवाहर लाल नेहरू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर संसद के पास स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर सोमवार को हमला हुआ। खालिद के सहयोगियों के मुताबिक हमलवार ने खालिद को निशाना बनाकर गोली चलाई, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। हालांकि पुलिस का कहना है कि हमलावर खालिद पर गोली चलाने में सफल नहीं हुआ। हमलावर मौके पर पिस्तौल छोड़कर फरार हो गया। पुलिस जांच में जुट गई है और हमलावर का सीसीटीवी फुटेज जारी कर दिया है।
इस बीच खालिद ने खुद पर हुए हमले के लिए भाजपा प्रवक्ताओं, टीवी एंकर्स को (बिना नाम लिए) भी निशाना बनाया है। हमले के बाद उमर ने कहा कि इन लोगों ने उनको देशद्रोही के तौर पर लोगों के बीच स्थापित करने की कोशिश की है। उन्होंने अपने मन की बात फेसबुक के जरिए साझा की है। लिखा है- असली आरोपी भाजपा प्रवक्ता और प्राइम टाइम के वो एंकर्स हैं जिन्होंने मेरी देशद्रोही के तौर पर ब्रैंडिंग की है...उन्होंने अपनी बेबुनियाद खबरों से, झूठ से एक तरह से भीड़ को मुझे मारने के लिए उकसाया है। जिसने मेरे जीवन को ही बेहद जोखिम में डाल दिया है...
दरअसल, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 'खौफ से आजादी' नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उमर खालिद भी पहुंचे हुए थे। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, 'कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर उमर चाय पी रहे थे। इतने में सफेद शर्ट पहना एक शख्स आया और उसने उमर पर फायर कर दिया।'
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि खालिद अपना संतुलन खोकर नीचे गिर गए और उन्हें गोली नहीं लगी। उन्होंने बताया कि लोगों ने जब हमलावर को पकड़ने की कोशिश की तो वह फरार हो गया। इस कार्यक्रम में ऐडवोकेट प्रशांत भूषण, आरजेडी राज्यसभा सांसद मनोज झा, प्रफेसर अपूर्वानंद, वरिष्ठ पत्रकार अमित सेन गुप्ता, पूर्व सांसद अली अनवर समेत अन्य लोग भी शामिल थे।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस के डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा, 'उन्होंने (उमर खालिद) कहा कि उन पर हमला हुआ है। कोई उनकी ओर झपटा और धक्का दिया, इसके बाद उसने खालिद पर फायर करने की कोशिश की लेकिन वह ऐसा कर न सका। लोगों ने उसका पीछा किया, इसके बाद खालिद के मुताबिक हमलावर ने हवा में फायर किया।'
गौरतलब है कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में एक आयोजन किया गया था। जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए थे, हालांकि इसका ठोस सबूत अभी तक प्राप्त नहीं किया गया है। इसी संबंध में उमर खालिद, कन्हैया कुमार और अनीरबेन भट्टाचार्य के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। उमर के मुताबिक- पिछले दो साल से जिस तरह से मीडिया ट्रायल हुआ और उस इवेंट को देश के सामने परोसा गया उसने उनके जीवन को खतरे में डाल दिया है। उस मुद्दे पर कोई बहस नहीं करना चाहता और आज नौबत बंदूक तक आ गई है।
खालिद के मुताबिक उन्होंने जून में ही कई धमकियों के मद्देनजर दिल्ली पुलिस से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार धमकी भरे फोन और मैसेज मिल रहें हैं