DUSU चुनाव के नतीजे घोषित, अध्यक्ष समेत तीन सीटों पर ABVP का कब्जा, NSUI को मिला सचिव पद
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए हैं। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को तीन और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) को एक सीट पर जीत मिली है। अध्यक्ष पद पर अंकिव बेसौया (एबीवीपी), उपाध्यक्ष पद पर शक्ति सिंह (एबीवीपी), सचिव पद पर आकाश चौधरी (एनएसयूआई) और सह सचिव पद पर ज्योति चौधरी (एबीवीपी) को जीत मिली। 12 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में 52 केंद्रों पर 44.66 प्रतिशत मतदान हुआ था जो पिछले साल से 1.66 फीसदी ज्यादा रहा।
इस साल छात्र संघ के चुनाव में कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई ने सनी छिल्लर, लीना, आकाश चौधरी और सौरभ यादव को उतारा था। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अंकिव बेसौया, शक्ति सिंह, सुधीर डेढ़ा, ज्योति चौधरी को टिकट दिया था। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति ने वामपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के साथ गठबंधन किया था। इन्होंने अभिज्ञाम, अंशिका, चंद्रमणि और सनी तंवर को उम्मीदवार बनाया था।
चुनाव परिणाम की बात करें तो अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के अंकिव बेसौया को 20467 वोट मिले, जबकि एनएसयूआई के सनी छिल्लर को 18743 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के शक्ति सिंह को 23046 वोट मिले जबकि एनएसयूआई की लीना को 15373 वोट मिले। सचिव के पद पर एनएसयूआई के आकाश चौधरी को 20198 वोट मिले जबकि एबीवीपी के सुधीर डेढ़ा को 14019 वोट मिले। संयुक्त सचिव के लिए एबीवीपी की ज्योति चौधरी को 19553 वोट मिले जबकि एनएसयूआई के सौरभ यादव को 14381 वोट मिले। जहां तक नोटा वोटों का सवाल है तो अध्यक्ष पद के चुनाव में 6211 वोट, उपाध्यक्ष पद के लिए 6435 वोट, सचिव पद के लिए 6810 वोट और संयुक्त सचिव पद के लिए 8273 वोट नोटा को मिले।
पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर कब्जा किया था। एबीवीपी सचिव और संयुक्त सचिव की सीट बचाने में कामयाब रही थी। साल 2017-18 में एनएसयूआई के रॉकी तुसीद, कुनाल सेहरावत और एबीवीपी से महामेधा नागर और ऊमा शंकर जीते थे। इससे पहले एबीवीपी चार साल से अध्यक्ष पद पर काबिज थी।
इससे पहले हंगामे के बाद काउंटिंग को कुछ घंटों के लिए टाला भी गया था। यह हंगामा ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी होने के बाद शुरू हुआ था। कथित ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के बाद कांग्रेस से जुड़े संगठन एनएसयूआई ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की जबकि एबीवीपी ने मतगणना फिर से शुरू कराने को कहा। बाद में सभी उम्मीदवारों ने मतगणना फिर से शुरू कराने पर सहमति जताई। इससे पहले दोनों समूहों के समर्थकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मतगणना केन्द्र के अंदर हंगामा किया।
ईवीएम पर गरमाए विवाद के बाद चुनाव अधिकारी ने कहा कि उन्होंने डीयू चुनाव के लिए ईवीएम मशीनें नहीं दी थीं। जारी बयान में कहा गया, हमारी तरफ से दिल्ली यूनिवर्सिटी को ईवीएम मशीनें नहीं दी गई। राज्य के चुनाव आयोग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने कोई मशीन नहीं दी। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने ये मशीनें कहीं से खुद खरीदी हैं।