जेएनयू यौन उत्पीड़न मामला: जारी है घमासान, छात्राओं के 8 FIR के जवाब में 17 छात्राओं पर FIR
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन और आंदोलनों का दौर जारी है। यूं तो मुद्दे कई हैं लेकिन जिस एक मुद्दे पर बड़ी संख्या में छात्रायें आंदोलनरत हैं वो है यौन उत्पीड़न का। करीब नौ छात्रायें सामने आई हैं जिन्होंने प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ मुंह खोला। थाने पहुंची और आनाकानी के बाद आखिरकार आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ पुलिस ने 8 एफआईआर दर्ज की। इस बीच दिल्ली महिला आयोग ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और दिल्ली पुलिस को तलब किया है। वहीं विवि के एक दूसरे प्रोफेसर ने 17 छात्राओं के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
पहले जेएनयू प्रशासन से लाइफ सांइस के प्रोफेसर अतुल जौहरी को सस्पेंड करने की मांग आरोपी छात्राओं ने की लेकिन जब प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो छात्रायें पुलिस के पास पहुंची। सोमवार को जेएनयू के सैकड़ों छात्रों ने देर शाम वसंत कुंज थाने का घेराव किया और वसंत कुंज थाने के पास की सड़क को घंटों जाम कर प्रदर्शन किया। इस बीच प्रोफेसर की गिरफ्तारी की बात सामने आने पर छात्रों ने खुशी भी मनाई, लेकिन कुछ देर बाद जब उन्हें पता चला कि यह बात झुठी है तो छात्र भड़क गए। और देर शाम छात्रों ने जुलूस की शक्ल में वसंत कुंज थाने की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने थाने के पास पहुंच कर प्रोफेसर की गिरफ्तार की मांग की। बाद में छात्र वसंत कुंज थाने के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिसकर्मियों और छात्रों के बीच हल्की झड़प भी हुई।
छात्रसंघ की अध्यक्ष गीता का कहना है कि पुलिस के समक्ष चार छात्राओं ने प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने एक ही लड़की के बयान पर एफआईआर दर्ज किया है। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर जेएनयू प्रशासन के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। छात्र संघ ने चेतावनी दी है कि यदि प्रोफेसर जौहरी को गिरफ्तार नहीं किया गया तो छात्र सड़क पर ही धरने पर बैठे रहेंगे। धरना तभी समाप्त होगा जब प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
17 के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष गीता कुमारी, उपाध्यक्ष जोया खान और अन्य छात्रों के खिलाफ डीन के ऑफिस में हंगामा मचाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। ये एफआईआर प्रोफेसर उमेश अशोक कदम ने दर्ज करवाई है, उनका कहना है कि छात्र ज़बरदस्ती उनके दफ्तर में घुस आए थे। उन्होंने बताया कि छात्रों ने डीन को बंधक बना लिया था। इस एफआईआर में गीता समेत कुल 17 छात्रों के नाम हैं।
जेएनयू प्रोफेसर की गिरफ्तारी क्यों नहीं : स्वाति
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने जेएनयू में प्रोफेसर द्वारा 9 लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस की प्रतिक्रिया पर चिंता जाहिर की है। स्वाति ने कहा कि 9 लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का यह मामला काफी हैरान करने वाला है। सबसे बड़ी बात यह कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि युवा लड़कियों की सुरक्षा को लेकर यह चिंता वाली बात है। आयोग ने पुलिस से इस मामले की जांच और आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने का कारण पूछा है। वहीं जेएनयू के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर इंटर्नल कमेटी की ओर से इस मामले में की कार्रवाई ओर आरोपी प्रोफेसर के ऊपर पहले कभी कोई इस तरह के आरोप लगे हैं इसकी जानकारी मांगी है।
क्या है मामला और कौन है जौहरी?
प्रोफेसर अतुल जौहरी पर 9 छात्राओं के साथ यौन शोषण का आरोप है।
आरोपी जौहरी लाइफ साइंस के अध्यापक हैं और जेएनयू चांसलर जगदीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। फिलहाल प्रोफेसर जौहरी पर आरोप है कि क्लास में छात्राओं से अश्लील बातें करते हैं। उनकी शारीरिक बनावट के बारे में अनर्गल बातें करते हैं। वहीं, जौहरी का तर्क है कि छात्राओं की उपस्थिति पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई तो उन्होंने जानबूझकर इस तरह का आरोप लगा दिया।
प्रोफेसर जौहरी 2014 में प्रोफेसर बने हैं इसके पहले वो असिस्टेंट प्रोफेसर हुआ करते थे। उन्होंने 1995 में अपनी पीएचडी पूरी की थी। यूनेस्को जैसे इंटरनेशनल इंस्टीट्यूशन के साथ विजिटिंग साइंटिस्ट के रूप में कर चुके प्रोफेसर जौहरी कई कमेटियों के सदस्य भी हैं। जौहरी पिछली बार उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होने रिटायर्ड मेजर जी डी बख्शी के साथ तिरंगा यात्रा में भाग लिया था। प्रोफेसर अतुल को जेएनयू प्रशासन के काफी नजदीक माना जाता है। यही वजह है कि ज्यादातर मुद्दों पर प्रोफेसर प्रशासन का साथ देते हैं। जैसा कि हाल ही में उपस्थिति मामले में भी उन्होने किया था। एकेडेमिक काउंसिल की बैठकों में प्रोफेसर जौहरी प्रशासन की तरफ से बहस करने के लिए जाने जाते हैं ।