मोदी इफैक्ट: खुदरा महंगाई दर घटी, औद्योगिक उत्पादन दर में भी तेजी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए एक साथ दो अच्छी खबरें आई हैं। खुदरा महंगाई दर जहां घटकर 4.4 फीसदी पर आ गयी है, वहीं औद्योगिक उत्पादन दर 7.5 फीसदी पर पहुंच गई। हालांकि इन आंकड़ों की वजह से ब्याज दरों में किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल नही दिख रही है।
खुदरा महंगाई दर में कमी
महंगाई के मोर्चे पर सरकार को थोड़ी राहत मिली है। फरवरी में रिटेल महंगाई दर यानी सीपीआई घटकर 4.4 फीसदी पर रही है जो चार महीने का निचला स्तर है। वहीं, जनवरी में रिटेल महंगाई दर 5.07 फीसदी रही थी। फरवरी में खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटी है। महीने दर महीने आधार पर फरवरी में खाद्य महंगाई दर 4.70 फीसदी से घटकर 3.26 फीसदी रही है। महीने दर महीने आधार पर फरवरी में फ्यूल, बिजली की महंगाई दर 7.7 फीसदी पर बरकरार रही है। महीने दर महीने आधार पर फरवरी में अनाजों की महंगाई दर 2.33 फीसदी से गिरकर 2.10 फीसदी रही है। वहीं, फरवरी में सब्जियों की महंगाई दर 26.97 फीसदी से घटकर 17.57 फीसदी पर रही है। महीने दर महीने आधार पर फरवरी में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर 4.9 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी रही है। वहीं, महीने दर महीने आधार पर जनवरी में कोर महंगाई दर 5.1 फीसदी पर बरकरार रही है जबकि महीने दर महीने आधार पर फरवरी में शहरी इलाकों की महंगाई दर 4.93 फीसदी से घटकर 4.52 फीसदी रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई में भले ही गिरावट दिखी हो लेकिन आगे महंगाई बढ़ने का खतरा बरकरार है और आगे चलकर आरबीई ब्याज दरें बढ़ा सकता है।
औद्योगिक उत्पादन दर
जनवरी के लिए औद्योगिक उत्पादन दर 7.5 फीसदी दर्ज की गयी जबकि दिसम्बर में ये दर 7.1 फीसदी थी। गौर करने की बात ये है कि 23 में से 16 औद्योगिक समूह में बढ़ोतरी की दर सकारात्मक रही। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी जहां परिवहन उपकरण बनाने वाले उद्योग में देखने को मिला, वहीं तंबाकू उत्पाद के मामले में भारी गिरावट दर्ज की गयी। राहत की बात ये है कि मैन्युफैक्चरिंग यानी विनिर्माण क्षेत्र लगातार अच्छा प्रदर्शऩ कर रहा है। इसकी विकास दर जनवरी के 8.48 फीसदी के बजाए 8.7 फीसदी दर्ज की गयी। इस तरह की बढ़ोतरी का एक मतलब ये हुआ कि विनिर्माण क्षेत्र जीएसटी और नोटबंदी के असर से ऊबरता हुआ दिख रहा है। साथ ही इसका ये भी मतलब हुआ कि रोजगार के ज्यादा से ज्यादा मौके बनेंगे।