वाघेला समेत क्रॉस वोटिंग करने वाले 8 विधायक कांग्रेस से आउट
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : गुजरात में राज्यसभा चुनाव को लेकर हुए ड्रामे के बाद गुजरात कांग्रेस ने बुधवार को अपने आठ बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया। इनमें शंकर सिंह वाघेला और उनके बेटे महेंद्र सिंह वाघेला शामिल हैं। शंकर सिंह पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। लेकिन विधायक होने के चलते विधानसभा में वे तकनीकी तौर पर कांग्रेस के सदस्य थे।
कांग्रेस ने कहा है कि छह और विधायकों को वह निलंबित करेगी। इस तरह कुल 14 विधायकों पर कार्रवाई होगी। बता दें कि एक दिन पहले गुजरात की तीन सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हुआ था। कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते एक सीट पर चुनाव लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा दिलचस्प हो गया था। इस सीट पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल चुने गए।
कांग्रेस के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने बताया कि आठ विधायकों को पार्टी से निलंबित किया जा चुका है। छह और विधायकों को निलंबित किया जाना है। इन सभी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया था। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी के मुताबिक, इन आठ विधायकों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर किया गया है। ये आठ विधायक हैं : शंकर सिंह वाघेला, महेंद्र सिंह वाघेला, भोलाभाई गोहिल, धर्मेंन्द्र सिंह जडेजा, पीके राउलजी, अमित चौधरी और करम सिंह पटेल। पटेल और गोहिल यही दो विधायक हैं जिन्होंने भाजपा नेताओं को अपने बैलेट दिखा दिए थे।
इसके बाद मंगलवार देर रात चले ड्रामे के बाद चुनाव आयोग ने इन दोनों विधायकों के वोट रद्द कर दिए थे। क्रॉस वोटिंग करने वाले गैर-वाघेला गुट के करम सिंह पटेल पर भी पार्टी ने कार्रवाई की है। करमसिंह पटेल उन 44 कांग्रेस विधायकों में शामिल थे, जिन्हें खरीदफरोख्त के डर से कांग्रेस बेंगलुरू ले गई थी। कांग्रेस के 57 में से 14 विधायकों की बगावत के बावजूद अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार राज्यसभा के लिए चुने जाने में कामयाब रहे। पटेल को 44 और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले। इन्हीं के बीच कड़ा मुकाबला था।
अहमद पटेल के लिए यह जीत इसलिए अहम थी क्योंकि 1977 में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस विरोधी लहर में भी वे भरूच से सांसद बने थे। इस बार कांग्रेस में फूट के बावजूद फिर 'चाणक्य' साबित हुए। पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए थे। पार्टी के 43 विधायकों ने उन्हें वोट दिए। जेडीयू और एनसीपी का भी एक-एक वोट मिलने की बात कही जा रही है। यानी 45 वोट हो गए। लेकिन जेडीयू का वोट किसे गया, इस पर अभी संशय है। कांग्रेस ने अपने दो विधायकों के वोट रद्द करवाए जो भाजपा को मिले थे। यह रद्द होने पर जीत के लिए 44 वोटों की जरूरत थी और इतने ही वोट अहमद पटेल को मिले।